India News (इंडिया न्यूज), Future Human Evolution: चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत के अनुसार हम बंदरों से मनुष्य कैसे बने। मनुष्य ने समय-समय पर अपनी ज़रूरतों के हिसाब से बदलाव किए और इसी क्रम में हमें आधुनिक मनुष्य मिले। आधुनिक मनुष्य आदिम मनुष्यों से हज़ारों गुना ज़्यादा समझदार और बुद्धिमान हैं।

कल्पना करें कि मानव विकास के क्रम में 1000 साल बाद क्या होगा? यानी आज का आधुनिक मनुष्य 1000 साल बाद कैसा होगा और वह आज के मनुष्य से कितना अलग होगा? क्या भविष्य के मनुष्यों में भी शारीरिक बदलाव होंगे? अगर आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर इन सवालों को सर्च करेंगे तो ऐसी तस्वीरें सामने आएंगी जिनमें मनुष्य को मशीनों जैसा दिखाया जाएगा, लेकिन हकीकत क्या है। आइए विज्ञान से समझते हैं।

कितना बदल जाएगा भविष्य का मनुष्य

विज्ञान की किताबों में हमें भविष्य के मनुष्य के बारे में बताया गया है। उसका सिर बड़ा होगा, कद छोटा होगा और शायद उसके हाथ में पाँच की जगह छह उंगलियाँ होंगी। विकासवादी आनुवंशिकीविद् प्रो. मार्क थॉमस ने इस पर शोध किया है। उनका कहना है कि आज से 1000 साल बाद इंसान की लंबाई कम हो सकती है। उन्होंने इस थ्योरी के पीछे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि इंसान की लंबाई कई कारकों पर निर्भर करती है। बेहतर खानपान और उचित खाद्य उत्पादन से इंसान की लंबाई प्रभावित होती है।

भविष्य में इसमें बदलाव आएगा और उसकी लंबाई कम होने लगेगी। उन्होंने कहा, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कम लंबाई वाले लोग जल्दी बच्चे पैदा करने में सक्षम होते हैं। अगर यह थ्योरी सही है तो भविष्य में इसका आनुवंशिक प्रभाव पड़ेगा और कम लंबाई वाले माता-पिता से पैदा होने वाले बच्चे भी छोटे होंगे।

हर साल मां बनती थी ये महिला…कभी पैदा होता था बेटा तो कभी बेटी, लेकिन जब तीसरी बार हुई गर्भवती तो उड़ गए…!

दिमाग हो जाएगा छोटा?

आज से 1000 साल बाद इंसान के दिमाग में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। प्रोफेसर रॉबर्ट ब्रूक्स का कहना है कि जिस तरह से इंसान कंप्यूटर और तकनीक पर निर्भर होता जा रहा है, ऐसे में भविष्य में उसे स्मार्ट होने की जरूरत नहीं होगी और उसका दिमाग छोटा होता जाएगा। इस तर्क के बारे में उन्होंने कहा कि पालतू जानवरों के दिमाग पर कुछ अध्ययन किए गए। इसमें पाया गया कि भेड़, गाय और कुत्तों का दिमाग छोटा हो गया है। इस तरह अगर हम तकनीक के माध्यम से खुद को पूरी तरह से पालतू बना लें तो भविष्य में इंसानों के साथ भी ऐसा हो सकता है।

अल्लाह माफ करे! 1971 की जिस लड़ाई ने बनाया आजाद बांग्लादेश, अब मुसलमान क्यों उठा रहे हैं उसी पर सवाल? सच्चाई जान बाहर आ जाएंगी आंखें