बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (The Gujarat government has paid Rs 16,900 crore to Adani Power and Tata Power): गुजरात विधानसभा से अडाणी और टाटा फर्म से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आ रही है। विधानसभा के प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई ने विधानसभा को सूचित किया कि गुजरात सरकार ने 2021 और 2022 में बिजली खरीदने के लिए अडानी पावर और टाटा पावर को 16,900 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

  • टाटा को किया गया ज्यादा भुगतान
  • अडाणी से 8.83 रुपए प्रति यूनिट के दर्ज पर खरीदी गई बिजली
  • इस कारण से बढ़े बिजली के दाम और इसलिए खरीदी गई बिजली

टाटा को किया गया ज्यादा भुगतान

ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई ने बताया कि राज्य सरकार ने साल 2021 और 2022 में अडानी पावर मुंद्रा लिमिटेड को 8,160 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि टाटा पावर की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड को 8,784 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

मंत्री देसाई ने बताया कि अडानी पावर को 5,589 मिलियन यूनिट खरीदने के लिए 2,760 करोड़ रुपए का भुगतान किया और 5,400 करोड़ रुपए साल 2022 में लगभग 6,000 मिलियन यूनिट खरीदने के लिए दिया गया है। वहीं टाटा पावर को साल 2021 में 7,315 मिलियन यूनिट खरीदने के लिए 2,751 करोड़ रुपए जबकि 2022 में 10,446 मिलियन यूनिट के लिए 6,033 करोड़ रुपए दिए गए।

अडाणी से 8.83 रुपए प्रति यूनिट के दर्ज पर खरीदी गई बिजली

मंत्री देसाई ने विधानसभा को बताय कि गुजरात सरकार ने अडाणी पावर से जनवरी 2021 में 2.83 रुपए प्रति यूनिट के तर्ज पर बिजली खरीदी थी जो दिसंबर 2022 तक बढ़कर 8.83 रुपए प्रति यूनिट हो गयी। वहीं टाटा पावर से सरकार ने जनवरी 2021 में 1.80 रुपए की दर पर बिजली खरीदी और साल 2022 में 4.92 रुपये प्रति यूनिट के चार्ज के बिजली की खरीदारी कि गई।

इस कारण से बढ़े बिजली के दाम और इसलिए खरीदी गई बिजली

कनुभाई देसाई ने कहा कि आयातित कोयले की कीमत में “तेजी से वृद्धि” के कारण 2018 के बाद बिजली की प्रति यूनिट लागत बढ़ गई जिससे गुजरात में पावर जेनेटर्स को बंद करने के लिए मजबूर कर दिया था।

देसाई ने कहा कि गुजरात के लोगों को बिना रुकावट बिजली सुनिश्चित करने के लिए, राज्य सरकार ने अडानी के साथ फ्यूल की वास्तविक लागत के अनुसार भुगतान करने के लिए नए पूरक समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। साल 2021 में फिर से, जब गैस और आयातित कोयले की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई तो राज्य सरकार ने निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित “विशेष अस्थायी व्यवस्था” के तहत इन फर्मों से बिजली खरीदी

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