India News(इंडिया न्यूज),Aurangzeb:आज भी लोग मुगल काल के इतिहास के बारे में पढ़ना पसंद करते हैं। इतिहास के छात्र हों या अन्य स्ट्रीम के युवा, हर कोई मुगल काल से जुड़ी चीजें खोज रहा है। यानी इस समय देश में लाखों लोग हैं जो ऐतिहासिक घटनाओं और मामलों को समझने के लिए मुगल इतिहास की खोज कर रहे हैं। मुगल काल पर कंटेंट ट्रेंड कर रहा है। मुगल काल पर क्विज़ पूछे और शेयर किए जा रहे हैं। ऐसे में हम भी आपसे एक सवाल पूछते हैं कि औरंगज़ेब के नाम पर भारत में कितने कस्बे, गाँव और शहर हैं।
औरंगजेब के नाम कितनी जमीन है
आम बोलचाल में तो वह राजा था और इसलिए सारी जमीन उसकी थी। लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि औरंगजेब छावा यानी संभाजी महाराज की बहादुरी के कारण पश्चिमी भारत यानी महाराष्ट्र में इस कदर फंस गया था कि बेचारा मरते दम तक यहां से निकल नहीं पाया। जब उसका अंत आया तो उसने अपनी वसीयत लिखकर अपने अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था कर ली थी। औरंगजेब की मौत महाराष्ट्र में हुई थी, उसकी कब्र औरंगाबाद रेलवे स्टेशन से करीब 24 किलोमीटर दूर बनी है।
आप गिनते-गिनते थक जाएंगे
औरंगजेब शक्तिशाली था, इसलिए कट्टरपंथी उसे तब भी बहुत पसंद करते थे और आज भी उसके चाहने वालों की कमी नहीं है। उसके चाहने वाले उसे हजरत आलमगीर औरंगजेब कहते हैं। आज भी वह एक खास विचारधारा वाले कई लोगों के लिए आइकॉन है। लोग फेसबुक पर औरंगजेब के पक्ष में लिख रहे हैं और छत्रपति संभाजी महाराज पर किए गए अत्याचारों और उसके द्वारा की गई अन्य बर्बर घटनाओं का बचाव कर रहे हैं।
दूसरी ओर, दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र और ओवैसी के इलाके हैदराबाद तक, पूरे देश में लोग विदेश से आए मुगल आक्रमणकारियों से जुड़ी निशानियों को मिटाने के लिए नई दिल्ली से लेकर तेलंगाना तक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली की एक सड़क पर कालिख पोत दी गई। दिल्ली की जिस सड़क का नाम औरंगजेब के नाम पर रखा गया था, उसका नाम बदल दिया गया है। कई जगहों पर मुगल काल के नाम बदले गए हैं। लेकिन अब भी सैकड़ों ऐसी जगहें हैं जिनके नाम गिनते-गिनते आप थक जाएंगे।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक पुरानी रिपोर्ट के अनुसार, 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में कम से कम 177 कस्बे और गांव हैं, जिनका नाम इस मुगल बादशाह के नाम पर रखा गया है।
औरंगाबाद सबसे मशहूर नाम
औरंगजेब से जुड़ा सबसे मशहूर नाम औरंगाबाद है। देशभर में 63 औरंगाबाद हैं, जिनमें से 48 उत्तर प्रदेश में हैं। औरंगाबाद के अलावा सबसे मशहूर नाम हैं- औरंगपुरा (35), औरंगानगर (3), औरंगजेबपुर (13), औरंगपुर (7) और औरंगबार (1)। इसके अलावा औरंगजेब के नाम पर 38 गांव हैं- औरंगाबाद खालसा, औरंगाबाद डालचंद।
औरंगजेब के नाम पर सबसे ज्यादा गांव और कस्बे उत्तर प्रदेश (114) में बताए गए। यूपी की योगी सरकार मुगल काल के प्रतीकों के नाम भी तेजी से बदल रही है। कई नाम पहले ही बदले जा चुके हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी की महायुति सरकार है। यहां 26 शहरों और गांवों के नाम औरंगजेब के नाम पर हैं। तीसरे नंबर पर बिहार है जहां 12 जगहों के नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर हैं। शिवसेना दशकों से औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।