India News (इंडिया न्यूज), Dinosaurs: हम सब जानते हैं कि एक दौर था जब इस धरती पर डायनासोर का राज किया करते थे, लेकिन एक दिन महाप्रलय आया और सब कुछ नष्ट हो गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि करीब 60 करोड़ साल पहले एक क्षुद्रग्रह हमारी धरती से टकराया था और उस हमले में डायनासोर ही नहीं बल्कि धरती पर जीवन का अस्तित्व लगभग खत्म हो गया था। यहां तक कि पेड़-पौधे भी नष्ट हो गए थे। इसके बाद धरती का पुनर्निर्माण हुआ और इंसान अस्तित्व में आए।
हालांकि, अब एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि क्षुद्रग्रह के हमले में जीवन पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ, बल्कि धरती पर मौजूद एक जीव ने अपना अस्तित्व बचा लिया। जब धरती पर उथल-पुथल मची थी, तो ये जीव धरती के निचले हिस्से में छिप गए और कई सालों तक बिना खाए-पिए अपना अस्तित्व बचाए रखा।
ये जीव आज भी मौजूद हैं?
आप सोच रहे होंगे कि वो कौन सा जानवर था जिसने महाप्रलय में भी खुद को बचा लिया? दरअसल, ये जीव कोई और नहीं बल्कि सांप थे। यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस पर काम किया है। उनके शोध में पता चला है कि क्षुद्रग्रह के हमले में धरती के 76 फीसदी पौधे और जानवर विलुप्त हो गए थे। इसके बावजूद दुनिया में सांपों की कुछ प्रजातियां बची रहीं। वे धरती के अंदर छुपे रहे और लंबे समय तक बिना भोजन के जीवित रहने में कामयाब रहे। बाद में सांपों की ये प्रजातियां पूरी दुनिया में फैल गईं और आज इनकी तीन हजार से ज्यादा प्रजातियां हैं।
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आखिर सांपों ने कैसे बचाया अपना अस्तित्व?
शोध दल का कहना है कि सांप एक ऐसा जीव है जो बिना कुछ खाए-पीए एक साल तक जीवित रह सकता है। क्षुद्रग्रह की टक्कर से धरती पर मची तबाही में सांपों का यही हुनर काम आया और वे अपना अस्तित्व बचाने में सफल रहे। वैज्ञानिकों का कहना है कि आपदा के समय सांपों की जो प्रजातियां बचीं, उनमें से ज्यादातर वे प्रजातियां थीं जो धरती के अंदर या जंगलों में पेड़ों के नीचे या साफ पानी के स्रोतों में रहती थीं। इस माहौल ने उन्हें पनपने में मदद की। यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित हुआ था। इसके अनुसार, समय बीतने के साथ सांपों का आकार बढ़ने लगा और वे नए शिकार पर हमला करने लगे। इसमें समुद्री सांप भी शामिल थे जिनकी लंबाई 19 मीटर तक थी।
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