India News (इंडिया न्यूज), Seema Haider: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहद खराब हैं। पाकिस्तानी नागरिकों को वापस उनके देश भेजा जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार सीमा हैदर को भी वापस पाकिस्तान भेज सकती है। फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि सीमा को वापस पाकिस्तान भेजा जाएगा या नहीं। इस बीच सीमा हैदर के वकील ने बड़ा दावा किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सीमा हैदर और सचिन मीना की बेटी का जन्म प्रमाण पत्र बनवा दिया है जिसका जन्म 18 मार्च 2025 को हुआ है।

सीमा हैदर के वकील एपी सिंह का दावा है कि जन्म प्रमाण पत्र बन जाने के बाद सीमा हैदर की बेटी भारतीय नागरिक हो जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सीमा हैदर ने पाकिस्तान में ही हिंदू धर्म अपना लिया था और नेपाल के बाद उसने हिंदू रीति-रिवाज से भारत में सचिन से शादी कर ली। सीमा के वकील ने कहा कि सीमा हैदर को पहलगाम हमले से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, बल्कि मानवीय आधार पर सीमा के मामले को देखा जाना चाहिए। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर सीमा हैदर जैसी कोई पाकिस्तानी महिला भारत में शादी करती है तो उसका बच्चा किस देश का नागरिक होगा? चलिए आपके सवालों का जवाब देते हैं।

क्या दोनों देशों के नागरिकों के बीच शादी हो सकती है?

भारत और पाकिस्तान में लोग बड़े पैमाने पर एक-दूसरे के देश में शादी करते हैं। खास तौर पर मुस्लिम समुदाय में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी मुस्लिम महिलाओं ने भारत में शादी की है। पहलगाम हमले के बाद जब सरकार पाकिस्तानी लोगों को वापस उनके देश भेज रही थी तो ऐसे कई मामले देखने को मिले जिसमें पति भारतीय और पत्नी पाकिस्तानी थी। स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कोई भी भारतीय पुरुष पाकिस्तानी महिला से शादी कर सकता है।

हालांकि इसके लिए भी कई नियम-कायदे हैं। अगर कोई पाकिस्तानी महिला वैध वीजा के जरिए भारत आई है और शादी कर रही है तो इसे कानूनी तौर पर वैध माना जाता है। हालांकि शादी से 30 दिन पहले आवेदन देना होता है। पब्लिक नोटिस के बाद वे शादी कर सकते हैं लेकिन अगर पुरुष सेना या पुलिस में कार्यरत है तो उसे शादी की जानकारी पहले से देनी होगी। अगर शादी अवैध है, लड़की के पास वैध वीजा नहीं है और वह अवैध तरीके से देश में आई है, तो उसकी शादी वैध नहीं मानी जाएगी, जब तक कि सरकार या कोर्ट उसे कुछ राहत न दे।

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बच्चा किस देश का नागरिक होगा?

नागरिकता अधिनियम 1955 भारत में नागरिकता के लिए पांच प्रावधान प्रदान करता है। इनमें जन्म के आधार पर, वंश के आधार पर, पंजीकरण के आधार पर, प्राकृतिककरण और भारतीय क्षेत्र के एकीकरण पर नागरिकता मिलती है। 2004 के बाद भारत में जन्मे बच्चे को इस आधार पर नागरिकता मिलती है कि उसके माता-पिता में से कम से कम एक भारतीय नागरिक है और दूसरा अवैध अप्रवासी नहीं है। ऐसे में अगर कोई भारत में अवैध तरीके से शादी करता है, तो उसके बच्चे को नागरिकता नहीं मिलेगी, भले ही उसके पिता भारतीय हों। अगर शादी वैध है, तो सरकार बच्चे को जन्म प्रमाण पत्र दे सकती है।

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