India News (इंडिया न्यूज), America Boston: दुनिया भर में किडनी फेल्योर से जूझ रहे लाखों मरीजों के लिए हाल ही में एक वैज्ञानिक सफलता ने नई उम्मीदें जगा दी हैं। विज्ञानियों ने सुअर के जीन में बदलाव कर उसकी किडनी को इंसान में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया है। यह उपलब्धि न केवल चिकित्सा जगत के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि मानव अंगों की कमी की समस्या का एक संभावित समाधान भी प्रस्तुत करती है।

पहली बार इंसान में सुअर की किडनी का सफल प्रत्यारोपण

जनवरी 2025 में मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के सर्जनों ने 66 वर्षीय मरीज टिम एंड्रयूज में सुअर की किडनी का प्रत्यारोपण किया। इस किडनी को एक ऐसे सुअर से प्राप्त किया गया था, जिसके जीन में विशेष रूप से संशोधन किया गया था। टिम एंड्रयूज की अपनी किडनी फेल हो चुकी थी, लेकिन प्रत्यारोपण के बाद वह न केवल स्वस्थ हैं, बल्कि उन्हें सर्जरी के एक सप्ताह बाद ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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क्लीनिकल ट्रायल का महत्व

यह प्रत्यारोपण अमेरिका में सुअर की किडनी का चौथा मामला है। हालांकि, यह पहली बार हुआ है जब यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा मंजूर किए गए क्लीनिकल ट्रायल के तहत ऐसा किया गया। इस ट्रायल के तहत अब तक तीन किडनी प्रत्यारोपण किए गए हैं।

पहले के दो मामलों में मरीजों की जल्द मृत्यु हो गई थी, जिनमें से एक मरीज प्रत्यारोपण से पहले ही गंभीर रूप से बीमार था। इससे पता चलता है कि जीन-संशोधित सुअर के अंगों का उपयोग एक सुरक्षित और प्रभावी समाधान हो सकता है, लेकिन इसके लिए मरीज का सामान्य स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जीन-संशोधन और अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया

मानव शरीर आमतौर पर अन्य प्रजातियों के अंगों को अस्वीकार कर देता है। इस चुनौती को हल करने के लिए, बायोटेक कंपनियां सुअरों के जीन में बदलाव कर रही हैं। यह प्रक्रिया सुअर के अंगों को मानव शरीर के अनुकूल बनाती है, ताकि प्रत्यारोपण के बाद शरीर इन अंगों को आसानी से स्वीकार कर सके।

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मानव अंगों की कमी: एक वैश्विक समस्या

अमेरिका में एक लाख से अधिक लोग प्रत्यारोपण अंगों की प्रतीक्षा सूची में हैं, जिनमें से अधिकांश को किडनी की आवश्यकता है। मानव दाताओं की कमी के कारण, हर साल कई मरीजों की इंतजार के दौरान ही मृत्यु हो जाती है। यह स्थिति न केवल अमेरिका, बल्कि भारत जैसे देशों में भी देखी जाती है। सुअर के जीन-संशोधित अंगों का उपयोग इस समस्या का एक व्यावहारिक समाधान हो सकता है।

भविष्य की योजनाएं

नए क्लीनिकल ट्रायल के तहत जीन-संशोधित सुअर के अंगों का उपयोग किया जा रहा है, जो बायोटेक कंपनी ईजेनेसिस द्वारा तैयार किए गए हैं। अगले ट्रायल में छह मरीजों पर यह प्रक्रिया लागू की जाएगी, और भविष्य में इसे बढ़ाकर 50 मरीजों तक ले जाया जाएगा। यह शोध मानव अंग प्रत्यारोपण में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

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एक नया युग

यह सफलता चिकित्सा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है। यदि यह तकनीक व्यापक रूप से अपनाई जाती है, तो किडनी फेल्योर के मरीजों को लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह वैज्ञानिक उपलब्धि मानव और पशु अंगों के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सुअर की जीन-संशोधित किडनी का इंसान में सफल प्रत्यारोपण मानव अंगों की कमी को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह चिकित्सा जगत के लिए एक प्रेरणादायक उपलब्धि है और किडनी फेल्योर से पीड़ित लाखों मरीजों के लिए उम्मीद की किरण साबित हो सकती है। भविष्य में, इस तरह के प्रत्यारोपण से मानव जीवन को बचाने और गुणवत्ता में सुधार करने की असीम संभावनाएं हैं।

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