India News (इंडिया न्यूज), Viral Video: दहेज की परंपरा हमारे समाज में एक ऐसी समस्या है, जिसे खत्म करने के लिए कई सालों से आवाज़ें उठाई जा रही हैं। सरकार ने इसके खिलाफ कानून भी बनाए हैं, लेकिन फिर भी यह कुरीति आज भी शादी-ब्याह में किसी न किसी रूप में मौजूद रहती है, चाहे धर्म कोई भी हो। हाल ही में एक वायरल वीडियो ने दहेज की समस्या को एक नए नजरिए से समाज के सामने रखा है, जिससे इस मुद्दे पर एक बार फिर से गंभीर चर्चा हो रही है।

वायरल वीडियो का नज़ारा

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़की के परिवार ने दहेज का सामान इस तरह से सजा रखा है, जैसे यह कोई शो रूम हो। वीडियो में टेंट के नीचे दहेज की वस्तुओं को एक-एक करके सजाया गया है, और हर एक वस्तु के साथ एक बोर्ड लगा हुआ है, जिसमें यह लिखा है कि वह सामान दूल्हे के किस रिश्तेदार के लिए है। इस वीडियो ने लोगों को चौंका दिया, क्योंकि यह किसी शादी का दृश्य कम और फर्नीचर या गिफ्ट शोरूम का नज़ारा ज्यादा लग रहा था। सास-ससुर, नंद-नंदोई समेत सभी रिश्तेदारों के लिए महंगे तोहफे और चीज़ें दी गईं, जिनमें कार, बाइक, महंगे गहने और अन्य आइटम्स शामिल थे।

इस वीडियो को देखकर लोग लड़की के परिवार की आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि यह खुले तौर पर दहेज देने का एक बड़ा प्रदर्शन था, जो समाज में न केवल गलत उदाहरण प्रस्तुत करता है, बल्कि इस परंपरा को भी बढ़ावा देता है।

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समाज की प्रतिक्रिया

यह वीडियो @AMREEN_BANO7860 नामक एक यूजर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया था। वीडियो के साथ कैप्शन में यह बताया गया कि दहेज सिर्फ दूल्हे को नहीं, बल्कि उसके पूरे परिवार को दिया गया है। वीडियो के वायरल होते ही लोगों के बीच इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। जहां कुछ लोग दूल्हे के परिवार को दोषी ठहरा रहे हैं, वहीं अन्य लोग इस दिखावे को समाज में बढ़ती लालच का उदाहरण मानते हुए उसकी आलोचना कर रहे हैं।

एक यूजर ने लिखा, “ऐसे दिखावे से कई लोगों के मन में लालच पैदा होता है, जो बाद में दूसरों के लिए मुसीबत बन सकता है।” कई यूजर्स ने इसे समाज के लिए खतरनाक मानते हुए कहा कि इस तरह के दिखावे से समाज में भ्रामक संदेश जाता है और यह परंपरा भविष्य में और भी ज्यादा जटिल हो सकती है। वहीं कुछ यूजर्स ने इसे ‘समुदाय की बर्बादी’ और ‘मूल्यों का अपमान’ बताया।

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दहेज परम्परा का समाज पर प्रभाव

दहेज की परंपरा भारतीय समाज में दशकों से चली आ रही है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे लेकर सरकारी स्तर पर कई पहल की गई हैं, लेकिन आज भी यह प्रथा हमारे समाज में गहरे रूप से समाई हुई है। दहेज लेने या देने की परंपरा से न केवल लड़कियों के परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि यह सामाजिक दबाव भी पैदा करती है। इस वीडियो ने यह भी दिखाया कि दहेज का व्यापार अब सिर्फ दूल्हे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरा परिवार इसका हिस्सा बन चुका है। इसका साफ मतलब है कि यह कुरीति अब एक सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गई है, जिससे हर कोई जुड़ा हुआ है।

समाज में दहेज की प्रथा ने लालच, दबाव और झूठे दिखावे को जन्म दिया है, और इससे लड़कियों के परिवार पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। यह प्रथा लड़कियों को न केवल आर्थिक रूप से नष्ट कर देती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी उन्हें नुकसान पहुंचाती है।

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क्या कहता है कानून?

भारत सरकार ने दहेज प्रथा के खिलाफ कई कानून बनाए हैं, जिनमें दहेज निषेध अधिनियम (1961) और भारतीय दंड संहिता की धारा 304B (दहेज हत्या) जैसे कड़े प्रावधान शामिल हैं। लेकिन इसके बावजूद यह प्रथा पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाई है। एक तरफ जहां कानून दहेज की प्रथा को रोकने के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी तरफ समाज में यह प्रथा एक तरह से आदत बन गई है और लोग इसे एक सामाजिक अनिवार्यता मानते हैं।

लोगों की मानसिकता में बदलाव की जरूरत

समाज में दहेज की परंपरा को खत्म करने के लिए सबसे जरूरी चीज है मानसिकता में बदलाव। लोगों को यह समझाने की आवश्यकता है कि शादी एक पवित्र बंधन है, जो दो परिवारों के बीच प्रेम और सम्मान पर आधारित होता है, न कि एक व्यापारिक लेन-देन। दहेज की परंपरा समाज में असमानता और अन्याय का कारण बनती है, और यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए।

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दहेज की परंपरा एक गंभीर सामाजिक समस्या है, और यह वीडियो इसका एक जीवंत उदाहरण है कि कैसे दहेज को एक सामान की तरह पेश किया जाता है। इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और समाज को इसके खिलाफ कदम उठाने चाहिए। दहेज की कुरीति को खत्म करने के लिए कानूनी कदमों के साथ-साथ समाज में मानसिकता परिवर्तन की आवश्यकता है। केवल तभी हम एक ऐसी दुनिया की कल्पना कर सकते हैं, जहां शादियाँ प्रेम, समानता और समझ पर आधारित हों, न कि भौतिक उपहारों और दबावों पर।

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