इंडिया न्यूज़ (उत्तर प्रदेश,MLC Election): उत्तर प्रदेश की पांच विधान परिषद (MLC) सीटों के लिए बीजेपी और सपा चुनावी मैदान मेंं आमने-सामने हैं, लेकिन इस चुनाव में निर्दलीय और शिक्षक संघ गुट से उम्मीदवार उतरने के बाद मुकाबला और भी रोचक हो गया है.फिलहाल पांच में से तीन सीटें बीजेपी के पास है और दो सीटें शिक्षक गुट के पास है. ऐसे में भाजपा और सपा दोनों ने अपने बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी है.
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उत्तर प्रदेश में आगामी नगर निकाय चुनाव से पहले पांच विधान परिषद (MLC) सीटों के लिए 30 जनवरी को चुनाव होना है. जिसके लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है. पांच एमएलसी सीटों के लिए बीजेपी और सपा ने अपने-अपने पत्ते खोल दिए हैं, लेकिन शिक्षक गुट और निर्दलीय उम्मीदवार के उतरने से मुकाबला और भी रोचक बन रहा है. यूपी में योगी आदित्यनाथ के शासन वाली बीजेपी के सामने अपनी जीती हुई सीटों को बचाए रखते हुए बाकी बची दो सीटों को जीतना एक चुनौती दिख रही है.
बीजेपी ने पुराने चेहरों के साथ ही की जबरदस्त मोर्चेबंदी
आपको बता दें कि वर्तमान समय में कानपुर-खंड स्नातक सीट से अरुण पाठक, गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक सीट से देवेंद्र प्रताप सिंह और बरेली-मुरादाबाद स्नातक सीट पर जय जय पाल सिंह व्यस्त एमएलसी हैं. फिलहाल यह तीनों सीटें बीजेपी के पास है और बीजेपी ने तीनों को एक बार फिर से उसी सीट से मैदान में उतारा है. इस एमएलसी चुनाव में बीजेपी अपनी तीनों सीटों को बचाए रखने के साथ ही शिक्षक कोटे की दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए पूरी तरह से मोर्चेबंदी कर रखी है.
सपा की तैयारी
समाजवादी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में दिख रही है. सभी पांचों एमएलसी सीटों पर जीत दर्ज़ करने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी अपने बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है. जिनमें प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम से लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य और लालजी वर्मा आदि मैदान में हैं.