India News (इंडिया न्यूज), Pleasure Marriage: दुनिया में विवाह को अक्सर स्थायी बंधन के रूप में देखा जाता है, लेकिन कुछ जगहों पर अस्थायी विवाह भी प्रचलित हैं। ऐसी ही एक प्रथा है मुताह निकाह, जिसे “शॉर्ट-टर्म मैरिज” भी कहा जाता है। यह प्रथा इस्लाम के शिया समुदाय से जुड़ी है और आज भी गिने-चुने देशों में प्रचलित है।
मुताह निकाह: क्या है यह प्रथा?
मुताह निकाह एक अस्थायी विवाह है, जो सीमित अवधि के लिए किया जाता है। इस प्रथा में दोनों पक्ष पहले से तय समय तक विवाह के बंधन में बंधते हैं और यह समय पूरा होने पर यह शादी स्वतः समाप्त हो जाती है। शिया इस्लाम में यह प्रथा प्राचीन समय से प्रचलित रही है।
प्राचीन अरब समाज में मुताह निकाह का चलन पुरुषों की लंबी यात्राओं के दौरान वैध संबंध बनाए रखने के उद्देश्य से हुआ था। यह प्रथा मुगलों के शासनकाल में भारत में भी देखी गई, जहां मुगल हरम में इसी प्रथा के तहत कई महिलाओं को रखा जाता था।
इंडोनेशिया में मुताह निकाह का चलन
आज के समय में मुताह निकाह का सबसे बड़ा केंद्र इंडोनेशिया है, खासकर पुंकाक क्षेत्र। यहां गरीब परिवारों की युवतियां पैसे के बदले विदेशी पर्यटकों के साथ 15-20 दिनों के लिए अस्थायी विवाह करती हैं। इस दौरान महिलाएं घरेलू और यौन सेवाएं देती हैं और इसके बदले में उन्हें अच्छी रकम मिलती है।
इंडोनेशिया में इसे “प्लेजर मैरिज” के नाम से भी जाना जाता है। स्थानीय एजेंट और दलाल इस प्रक्रिया को अंजाम देते हैं। एजेंसियां इसे एक उद्योग के रूप में संचालित करती हैं, जिससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।
कैसे होती है ऐसी शादियां?
इन शादियों में स्थानीय एजेंट या कंपनियां विदेशी पर्यटकों को स्थानीय महिलाओं से मिलवाती हैं। एक छोटे और अनफॉर्मल समारोह के बाद शादी हो जाती है। इसके बदले पुरुष महिला को “दुल्हन की कीमत” चुकाता है। यह शादी आमतौर पर 5-20 दिनों तक चलती है।
महिलाओं के लिए फायदे और नुकसान
इंडोनेशिया की 28 वर्षीय महिला काहाया ने लॉस एंजिल्स टाइम्स को बताया कि उसने 15 से अधिक बार पश्चिम एशियाई पर्यटकों से शादी की है। इस प्रक्रिया में अधिकारियों और एजेंटों का भी हिस्सा होता है, जो महिला की कमाई में से कटौती करते हैं।
काहाया ने पहली बार 13 साल की उम्र में इस तरह की शादी की थी, जिसमें उसके दादा-दादी ने उसे मजबूर किया। हालांकि अब वह हर विवाह से 300 से 500 डॉलर तक कमा लेती है, जिससे उसका परिवार का खर्च चलता है। हालांकि इस प्रक्रिया में महिलाओं का शोषण भी होता है और उनकी सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।
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ईरान और इराक में प्रथा का स्वरूप
ईरान और इराक जैसे शिया बहुल देशों में मुताह निकाह की अनुमति है, लेकिन यह पर्यटकों के बजाय स्थानीय लोगों तक सीमित है। इन देशों में यह प्रथा धार्मिक मान्यता के तहत की जाती है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
लॉस एंजिल्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मुताह निकाह अब एक आकर्षक उद्योग बन चुका है। कुछ एजेंट महीने में 25 शादियां तय करते हैं। इस प्रथा के चलते महिलाओं को आर्थिक लाभ होता है, लेकिन यह उनके शोषण का भी माध्यम बनता है।
मुताह निकाह एक प्राचीन इस्लामी प्रथा है, जो समय के साथ पर्यटन और व्यापार का माध्यम बन चुकी है। हालांकि यह महिलाओं के लिए आर्थिक संबल का साधन बनती है, लेकिन उनके शोषण और सुरक्षा के मुद्दे भी उठते हैं। यह प्रथा आज भी बहस और विवाद का विषय बनी हुई है।