India News (इंडिया न्यूज), Black Out: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 बेगुनाह पर्यटकों की मौत का बदला लेना शुरू कर दिया है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया। 4 मई को पाकिस्तान सीमा से सटे पंजाब के फिरोजपुर में ब्लैकआउट का अभ्यास किया गया। इस दौरान रात में आधे घंटे तक पूरी तरह से ब्लैकआउट का अभ्यास किया गया। तो आइए जानते हैं कि कब और क्यों होता है ब्लैकआउट।
कब और क्यों किया जाता है ब्लैकआउट?
सभी शहरों में होने वाली मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट भी किया जाएगा। मॉक ड्रिल के दौरान 2 घंटे का ब्लैकआउट किया जाएगा। ब्लैकआउट का मतलब है सभी लाइटें बंद कर देना, ताकि दुश्मन शहर को न देख सकें। ब्लैकआउट तब होता है जब हवाई हमले के दौरान दुश्मन की नजर से बचा जा सके। इसमें पूरे इलाके की लाइटें एक तय समय के लिए बंद कर दी जाती हैं, इसके अलावा ब्लैकआउट में सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाता है, क्योंकि ब्लैकआउट के दौरान हवाई हमला होने की संभावना ज्यादा होती है। किसी भी युद्ध के खतरे को देखते हुए सरकार कई इलाकों में रिहर्सल करती है, ताकि देश के लोग पहले से ही युद्ध के लिए तैयार रहें और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
जानिए ब्लैकआउट के दौरान आम लोगों को क्या करना चाहिए
- ब्लैकआउट के दौरान आम लोगों को लाइट और खिड़कियों को पर्दे से बंद कर देना चाहिए।
- इसके साथ ही वाहन की लाइट बंद या ढक कर रखनी चाहिए।
- किसी सुरक्षित स्थान पर जाना होता है। इस दौरान खुली जगहों से दूर रहना होता है।
- ब्लैकआउट के दौरान टॉर्च, दवा और बैटरी तैयार रखनी चाहिए।
- इस दौरान अफवाहों से बचना चाहिए।
- इस दौरान सोशल मीडिया पर गलत जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए। सिर्फ सरकारी आदेशों का पालन करना चाहिए।
- इसमें आम लोगों को सरकार का पूरा सहयोग करना चाहिए।
ब्लैकआउट हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी है। यह हवाई हमलों और युद्ध के दौरान किया जाता है। इस समय लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। इसमें आम लोगों को सरकार का पूरा सहयोग करना चाहिए।