India News (इंडिया न्यूज), India Future Weapons:  भारतीय सेना के जवान देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। सरकार ने भी बदलते वक्त के साथ भारतीय सेना को कई हाईटेक हथियारों से लैस किया है। ये हथियार बड़े ही एडवांस और फ्यूचरिस्टिक हैं और हर मोर्चे पर पाक और चीन जैसे दुश्मनों से निपटने में माहिर हैं। आइए आपको बताते हैं कि भारतीय सेना के पास इस समय कौन से हाईटेक हथियार हैं जो हर मोर्चे पर दुश्मन का सामना करने में मदद करते हैं।

T-90 भीष्म टैंक

भारतीय सेना के पास 2 हजार से ज्यादा T-90 भीष्म मुख्य युद्धक टैंक हैं। इन टैंकों को 2001 में भारतीय सेना के बेड़े में शामिल किया गया था। ये टैंक 125 एमएम गन से लैस हैं और इनमें ऑटोमैटिक फायर प्रोटेक्शन सिस्टम है। इस टैंक पर लगने वाले सभी विस्फोटक, चाहे वो रॉकेट हो, मिसाइल हो, ग्रेनेड हो या आरपीजी हो, सभी निष्क्रिय हो जाते हैं। यह दुश्मन की एंटी टैंक मिसाइल को भी निष्क्रिय कर देता है। यह टैंक लेजर से निशाना लगाने की दुश्मन की कोशिश को भी नाकाम कर देता है। अगर इसकी स्पीड की बात करें तो यह सामान्य सड़कों पर 60 किलोमीटर प्रति घंटे और उबड़-खाबड़ सड़कों पर 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है।

बीएमपी-2, टी-72 और अर्जुन टैंक

बीएमपी-2 टैंक 30 एमएम मशीन गन से लैस है. यह 360 डिग्री घूमकर चारों तरफ से दुश्मन पर हमला कर सकता है। आपको बता दें कि इसका वजन सिर्फ 14 हजार किलोग्राम है, जिसकी वजह से इसे पहाड़ों पर भी आसानी से ले जाया जा सकता है। पहले भारत इस टैंक को रूस से खरीदता था लेकिन अब इसका निर्माण हमारे देश में ही होता है।

टी-72 टैंक की बात करें तो इसे भारतीय सेना का दोस्त कहा जाता है। इस टैंक ने कई युद्धों में अपनी भूमिका निभाई है. इस समय भारतीय सेना के पास 2400 से ज्यादा टी-72 टैंक हैं।

अर्जुन टैंक- इसका नाम महाभारत के महान योद्धा अर्जुन के नाम पर रखा गया है। यह तीसरी पीढ़ी का युद्धक टैंक है। इसमें 120 मिमी की तोप लगी है। इसे कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने विकसित किया है। इसमें चार लोगों के बैठने की व्यवस्था है।

जोरावर

DRDO और लार्सन एंड टूब्रो ने मिलकर ज़ोरावर नाम का हल्का टैंक विकसित किया है। इसे साल 2027 तक सेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। ज़ोरावर का वजन 25 टन है और इसे मुश्किल रास्तों पर भी आसानी से ले जाया जा सकता है। उड़ान के ज़रिए भी इसका मूवमेंट काफी आसान है। इसके अलावा 1,770 फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (FRCV) खरीदने को मंज़ूरी मिल गई है।

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बोफोर्स तोप

1999 में कारगिल युद्ध के दौरान बोफोर्स तोपों ने पाकिस्तान को कड़ी टक्कर दी थी। इस युद्ध की जीत में इन तोपों ने अहम भूमिका निभाई है। यह तोप 30 किलोमीटर दूर तक दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने की ताकत रखती है। इसके अलावा भारतीय सेना के पास हॉवित्जर तोपें भी हैं। इन्हें डीआरडीए, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और भारत फोर्क्स लिमिटेड ने मिलकर विकसित किया है।

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परमाणु हथियार ले जाने वाली मिसाइलें

ब्रह्मोस मिसाइल रूस के सहयोग से बनाई गई है। यह 3400 से 3700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जमीन या पानी की सतह से 450 किलोमीटर और हवा से 400 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने की क्षमता रखती है। यह मिसाइल 300 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकती है। इससे परमाणु हथियार भी दागे जा सकते हैं।

अग्नि मिसाइल के पहले वर्जन की मारक क्षमता 700 किलोमीटर है जबकि अग्नि-6 की मारक क्षमता 10 हजार किलोमीटर है। इस मिसाइल से परमाणु हथियार भी दागे जाते हैं।