India News (इंडिया न्यूज), India-Pakistan 1971 War : पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमले में 26 निर्दोष भारतीय मारे गए थे। इसके बाद से भारत में काफी गुस्सा है। मोदी सरकार ने भी इस हत्याकांड के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके अलावा भारत की तीनों सेनाएं अलर्ट पर हैं। और कभी भी पाकिस्तान पर बड़ा पलटवार कर सकती हैं।

इसी कड़ी में भारतीय नौसेना के युद्ध अभ्यास का एक वीडियो भी सामने आया है, जहां उन्नत मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है। नौसेना ने साफ कहा है कि वह हर मिशन के लिए तैयार है। आपको बता दें कि 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने पूरे कराची बंदरगाह को जलाकर राख कर दिया था। हालात ऐसे थे कि पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची 7 दिनों तक जलती रही थी।

भारतीय नौसेना का ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’

जिन लोगों को नहीं पता, उन्हें बता दें कि 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया था। इस ऑपरेशन की वजह से पाकिस्तान की आधी नौसेना तबाह हो गई थी। 4 दिसंबर 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर इतने बड़े पैमाने पर हमला किया कि पूरा बंदरगाह सात दिनों तक आग और धुएं से घिरा रहा। यह हमला न केवल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का निर्णायक मोड़ साबित हुआ, बल्कि इसने भारतीय नौसेना को वैश्विक स्तर पर एक शक्तिशाली समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित किया।

कराची उस समय पाकिस्तानी नौसेना का मुख्यालय और पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) के लिए आपूर्ति केंद्र था। ऐसे में भारतीय नौसेना के इस हमले ने पाकिस्तानी नौसेना को पूरी तरह से पंगु बना दिया। इस हमले के बाद बांग्लादेश नाम के एक नए देश का जन्म हुआ और पाकिस्तानी नौसेना दुनिया के सामने हंसी का पात्र बन गई।

सटीक योजना बनाकर कराची पर हमला किया गया

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय नौसेना के पश्चिमी नौसेना कमान और दिल्ली मुख्यालय ने कराची को निशाना बनाने के लिए एक सटीक योजना तैयार की थी। इस ऑपरेशन के लिए भारतीय नौसेना ने तीन विद्युत श्रेणी की मिसाइल बोट INS वीर, INS निर्घट और INS निपात को चुना। ये छोटी होने के साथ-साथ तेज और एंटी-शिप मिसाइलों से लैस थीं।

इसके अलावा दो एंटी-सबमरीन कोरवेट – INS किल्टन और INS कच्छल के साथ एक टैंकर INS पोशक को भी तैनात किया गया था। इस ऑपरेशन की कमान रियर एडमिरल कुरुविल्ला और कमांडर बाबरू भान यादव (महाराणा प्रताप बटालियन) को सौंपी गई थी।

पाकिस्तानी नौसेना को संभलने का मौका नहीं मिला

भारतीय नौसेना का यह मिशन इतना गोपनीय और तेज था कि पाकिस्तानी नौसेना को संभलने का मौका ही नहीं मिला। जानकारी के मुताबिक, एंटी-शिप मिसाइलों से लैस युद्धपोतों ने अंधेरे में कराची पर अचानक हमला किया। दिन के समय नावों को कराची से 450 किलोमीटर दूर रखा गया था, लेकिन रात होते ही उनकी स्थिति बदल दी गई। यह हमला इतना गोपनीय और तेज था कि पाकिस्तानी नौसेना को संभलने का मौका ही नहीं मिला।

रात 11 बजे कराची पर हमला

‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ के तहत INS निर्घाट ने रात 11 बजे बैटल-क्लास डिस्ट्रॉयर PNS खैबर पर दो SS-N-2 स्टाइल्स मिसाइलें दागीं। कुछ ही मिनटों में खैबर समुद्र में डूब गया। इसके बाद INS निपात ने विध्वंसक PNS शाहजहां और हथियारों से लदे व्यापारी जहाज वीनस चैलेंजर को नष्ट कर दिया। फिर INS वीर ने मिसाइल से पाकिस्तानी माइनस्वीपर PNS मुहाफिज को उड़ा दिया, जो तुरंत डूब गया।

इसके बाद INS निपात ने कराची बंदरगाह के ईंधन डिपो पर मिसाइल दागी। इससे भीषण आग लग गई और सात दिनों तक धुआं उठता रहा। इस आग ने बंदरगाह को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया। इस हमले में भारतीय नौसेना को कोई नुकसान नहीं हुआ, जबकि पाकिस्तानी नौसेना का 50% से अधिक बेड़ा नष्ट हो गया। कराची बंदरगाह की नाकाबंदी ने पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना की आपूर्ति लाइन काट दी, जिससे उनकी हार सुनिश्चित हो गई।

इस हमले में भारतीय नौसेना को कोई नुकसान नहीं हुआ, जबकि पाकिस्तानी नौसेना का 50% से अधिक बेड़ा नष्ट हो गया। कराची बंदरगाह की नाकाबंदी ने पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना की आपूर्ति लाइन काट दी, जिससे उनकी हार सुनिश्चित हो गई।

पहलगाम में Ak-47 Rifle से हुईं हिंदुओं की हत्याएं, जानें क्यों आतंकियों की पहली पसंद है यह हथियार?

1971 की जंग में भारतीय सेना ने बड़े पैमाने पर दिया था कंडोम का ऑर्डर, वजह जानकर अभी भी पाकिस्तान के निकल जाते हैं आंसू