India News (इंडिया न्यूज), Pahalgam terror attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश के अंदर आतंकियों को करारा जवाब देने की मांग उठ रही है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोग हमले की साजिश रचने वाले पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि भारत में रक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में बैठकों का दौर जारी है। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटे हैं, उससे माना जा रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। भारत ने इससे पहले भी उरी सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर दुश्मन को अपनी ताकत का एहसास कराया था।
इस बीच हम आपको दुनिया के उस देश से रूबरू कराएंगे जो किसी भी हमले का बदला लेने में सबसे क्रूर माना जाता है। इस देश ने न सिर्फ दुश्मन के देश में घुसकर अपने नागरिकों को बचाया है, बल्कि दुनियाभर में आतंकियों को खोज-खोज कर उनका खात्मा भी किया है। आइए जानते हैं उस देश का नाम और उसका सबसे खतरनाक ऑपरेशन।
बदला लेने के मामले में घर में घुसकर मारता है ये देश
जब भी किसी देश पर हमला होता है तो वहां की सरकार आतंकियों के खिलाफ युद्ध की घोषणा जरूर करती है। हालांकि, कई बार लंबी जांच प्रक्रियाओं के कारण आतंकी हाथ से निकल जाते हैं। हालांकि, कुछ देश ऐसे भी हैं जो सालों बाद भी अपने नागरिकों पर हुए हमले का न सिर्फ जवाब देते हैं, बल्कि खौफनाक तरीके से बदला भी लेते हैं। इसका थीम अमेरिका है, जिसने 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद लंबे समय तक इंतजार किया और एक दशक बाद पाकिस्तान में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। हालांकि, हमले का बदला लेने में इजरायल और भी खतरनाक देश माना जाता है, जिसकी खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ दुश्मन के घर में घुसकर भी बदला लेने में माहिर है।
बेहद क्रूर देश से बदला लेता है इजरायल
इजराइल उन चुनिंदा देशों में सबसे खतरनाक माना जाता है जो किसी भी हमले का बदला बेहद क्रूर तरीके से लेते हैं। हाल ही में हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले और बड़ी संख्या में इजरायली लोगों के अपहरण का बदला लेने के लिए इजरायल ने पूरे गाजा पट्टी को तबाह कर दिया, इतना ही नहीं, उसने हमास जैसे आतंकी संगठन की कमर भी तोड़ दी। इजरायल की सबसे बड़ी ताकत उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद मानी जाती है। इसका सार दुनिया ने तब देखा जब मोसाद ने पेजर ब्लास्ट करके हमास को घुटनों पर ला दिया।
इजरायल और मोसाद के सबसे खतरनाक ऑपरेशन
- 1972 में जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित ओलंपिक खेलों में 11 इजरायली खिलाड़ी मारे गए थे। इस हमले का बदला लेने के लिए मोसाद ने ‘रथ ऑफ गॉड’ ऑपरेशन चलाया, जिसके बाद मोसाद के एजेंटों ने दुनिया के कई देशों में खिलाड़ियों की हत्या करने वाले आतंकियों को खोज-खोज कर मारा। आखिर में इस हमले के मास्टरमाइंड अली हसन सलामेह को लेबनान की राजधानी बेरूत में मोसाद के एजेंटों ने मार गिराया।
- 1960 में नाजी अधिकारी एडोल्ड इचमैन को मोसाद के एजेंटों ने अर्जेंटीना से अगवा कर लिया था। यह मिशन इतना खतरनाक था कि 14 एजेंटों की एक टीम उसे सफलतापूर्वक इजराइल लाने में कामयाब रही। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आइचमैन पर यहूदियों के उत्पीड़न और हत्या का आरोप लगाया गया था। इजराइल लाए जाने के बाद उस पर मुकदमा चला और उसे मौत की सजा सुनाई गई।
- 1976 में युगांडा में चलाया गया एंटेबे ऑपरेशन भी इजराइल का सबसे खतरनाक सैन्य अभियान माना जाता है। दरअसल, पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन के दो सदस्यों ने दो अन्य जर्मनों के साथ मिलकर पेरिस जा रहे एक विमान को हाईजैक कर लिया और उसे अपने साथ युगांडा ले गए। इजराइली कमांडो ने एयरपोर्ट पर हमला कर 100 इजराइली और यहूदी बंधकों को छुड़ाया।
- इजराइल और ईरान के बीच हमेशा से तनाव रहा है। ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए इजराइल ने कई मिशन चलाए हैं। इसमें सबसे खतरनाक मिशन ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की ईरान में हत्या थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस मिशन को अंजाम देने के लिए मोसाद ने सैटेलाइट से रिमोट कंट्रोल की मदद से मशीन गन को ऑपरेट किया था। मोसाद ने उस समय 2020 में इस हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन जून 2021 में मोसाद ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली।