India News (इंडिया न्यूज), KM Cariappa Story : आज (15-जनवरी) को देश आज सेना दिवस मना रहा है। आज के ही दिन भारतीय सेना को पहला भारतीय अध्यक्ष मिला था। इससे पहले तक जो भी अध्यक्ष रहे वो सभी अंग्रेज थे। आजाद देश का पहला सेनाध्यक्ष चुना गया था। वैसे तो केएम करियप्पा को लेकर इतहास में बहुत सारी कहानियां दर्ज हैं। उन्हीं में से एक के बारे में हम आपको आज बताएंगे। जब उनका बेटा पाकिस्तान के कब्जे में था और अगर वो चाहते थे उसे छुड़ा सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। असल में ये मामला 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग के वक्त का है। तब केएम करियप्पा के बेटे केसी करियप्पा एयर मार्शल के पद पर थे।
उस दौरान वो इंडियन एयर फोर्स का हंटर एयरक्राफ्ट को लेकर पाकिस्तान की सरहद में घुस गए थे। हालांकि पाकिस्तानी फौज ने यह एयरक्राफ्ट मार गिराया था, साथ ही केसी करियप्पा को युद्धबंदी बना लिया था। दूसरी तरफ केएम करियप्पा भी भारतीय सेना के अध्यक्ष पद से रिटायर हो चुके थे।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति अय्यूब खान ने किया फोन
जंग के वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अय्यूब खान थे और खास बात ये थी कि वो केएम करियप्पा के अंडर में काम कर चुके थे। जनरल अय्यूब खान ने तुरंत केएम करियप्पा को फोन किया और बताया कि उनका बेटा सही सलामत है और वो जल्द ही उनके बेटे को रिहा कर देंगे। लेकिन उसे बाद केएम करियप्पा ने जो जवाब दिया उसे सुनकर अय्यूब हैरान रह गए। उन्होंने खुश हुए बगैर कहा कि मेरा बेटा सिर्फ मेरा बेटा नहीं है, वो अपने देश की रक्षा के लिए लड़ रहा है। आपने जो उसके लिए अभी तक किया है उसके लिए शुक्रिया लेकिन आप उसपर खास रहम मत कीजिए, जब बाकी युद्ध बंधियों को रिहा किया जाए तभी उसे भी रिहा करें।
फील्ड मार्शल पदवी से सम्मानित किया गया
केएम करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 में कर्नाटक के चिकमंगलूर में हुआ था। केएम करियप्पा ने ब्रिटिश भारतीय सेना में भी अपनी सेवाएं दी थीं। देश के आजाद होने के बाद उन्हें देश का पहला अध्यक्ष चुना गया था। केएम करियप्पा को अप्रैल 1986 में भारतीय सेना की सर्वोच्च पदवी फील्ड मार्शल से सम्मानित किया गया था। उनसे पहले ये पदवी सिर्फ जनरल सैम मानेकशॉ को 1973 में दी गई थी। ये पदवी हासिल करने वाले भारतीय सेना में अभी तक सिर्फ दो लोग ही हुई हैं।