India News ( इंडिया न्यूज), Madhuri Gupta: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। इसके बाद भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता कर दिया है। जिसके बाद देश के अलग-अलग राज्यों से पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया जा रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा की ट्रेवलर युट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को हरियाणा की हिसार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ज्योति मल्होत्रा का केस सामने आने के बाद भारतीय राजनयिक माधुरी गुप्ता की कहानी फिर से ताजा हो गई है। आइये जानते हैं माधुरी गुप्ता की कहानी क्या थी।

क्या था पूरा मामला?

2009 में भारत सरकार को एक चौंकाने वाली खबर मिली कि इस्लामाबाद में उसका एक राजनयिक पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी कर रहा था। वह राजनयिक माधुरी गुप्ता थी। माधुरी गुप्ता भारतीय विदेश सेवा की वरिष्ठ ग्रुप बी अधिकारी थीं। उन्होंने दुनिया भर में कई पदों पर काम किया था। वह पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में प्रेस और सूचना विभाग संभालती थीं।

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रॉ और आईबी ने की बैठक

सूचना मिलने पर रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुखों ने एक उच्च स्तरीय बैठक की और माधुरी गुप्ता पर निगरानी रखी। विदेश मंत्रालय को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। गुप्ता को गलत जानकारी दी गई ताकि देखा जा सके कि वह इसे लीक तो नहीं करेंगी। आखिरकार खुफिया एजेंसियों ने सरकार के संदेह की पुष्टि की। इसके बाद माधुरी गुप्ता को दिल्ली बुलाया गया और आगामी सार्क शिखर सम्मेलन की तैयारियों में मदद करने के लिए कहा गया।

गिरफ्तारी पर कही थी ये बात

बताया जा रहा है कि, जब उसे गिरफ्तार किया गया तो उसने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम्हें इतना समय क्यों लगा?”  उसने बहुत जल्दी कबूलनामा दे दिया। जांचकर्ताओं का कहना है कि उसने नाम, ईमेल पासवर्ड बताए और वर्गीकृत जानकारी लीक करने की बात स्वीकार की- जिसमें पाकिस्तान में काम कर रहे भारतीय खुफिया अधिकारियों का खुलासा करना भी शामिल है। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि नुकसान “अपूरणीय” था। एक ही कदम में, उसने इस्लामाबाद में पूरे भारतीय खुफिया नेटवर्क को खतरे में डाल दिया था।

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माधुरी गुप्ता को हिरासत में लिया गया

जब माधुरी गुप्ता एक नियमित बैठक के लिए विदेश मंत्रालय मुख्यालय पहुंचीं, तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया और अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर ISI के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया। हालांकि, माधुरी गुप्ता ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स में तब दावा किया गया था कि माधुरी गुप्ता हनीट्रैप का शिकार हो गई थीं और उन्हें 30 वर्षीय ISI एजेंट से प्यार हो गया था। हालांकि, इन आरोपों की कभी पुष्टि नहीं हो सकी।

ट्रायल कोर्ट ने ठहराया दोषी

उन्हें 2010 में गिरफ्तार किया गया था और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे। मई 2018 में एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें एक पाकिस्तानी अधिकारी को संवेदनशील जानकारी देने के लिए दोषी ठहराया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाते हुए जमानत भी दे दी थी। कोविड महामारी के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय में सजा के खिलाफ उनकी अपील में देरी हुई।

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2021 में हो गई मौत

दिल्ली के विकासपुरी इलाके में जन्मी माधुरी गुप्ता मामले में जमानत मिलने के बाद अजमेर के भिवाड़ी में अकेली रह रही थीं। अक्टूबर 2021 में यह सार्वजनिक हो गया कि कोविड महामारी के दौरान उनकी मौत हो गई थी। हालांकि, उनकी मौत का कारण कोविड नहीं था। माधुरी गुप्ता के वकील और लंबे समय से दोस्त जोगिंदर दहिया ने उनकी मौत की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा, “माधुरी की मौत मई में हुई और मुझे कई दिनों तक इसके बारे में पता नहीं चला। अमेरिका में रहने वाले उनके एनआरआई भाई अरुण गुप्ता ने मुझे इसकी जानकारी दी।”

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