India News(इंडिया न्यूज), Abhishek Sharma, Maharashtra News: पिछले एक साल से महाराष्ट्र की सरकार पर तलवार लटक रही है आप सोच रहे होंगे की कौन सी तलवार तलवार ? शिंदे सेना और उद्धव सेना के बीच जिस तरीके से टकराव चल रहा है जिसका मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। शिंदे सेना और ठाकरे सेना के बीच में जिस तरीके से पिछले 1 साल से अधिक के समय से जो लगातार लड़ाई चल रही है वह लड़ाई अब अंतिम पड़ाव पर आती हुई दिखाई पड़ रही है। जी हां 54 विधायकों की अयोग्यता पर जो सवाल खड़े हुए हैं जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ आदेश दिया है कि महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष इस पूरे मामले पर अपना फैसला ले और उसी को लेकर अब 14 सितंबर से इनके भविष्य का फैसला होने जा रहा है।

14 सितंबर से सुनवाई शुरू करने का जारी आदेश

54 विधायक जो शिंदे सेना के साथ जुड़े हुए हैं ठाकरे सेना को छोड़कर जो उनके साथ आए हैं। बल्कि कई अन्य और विधायक जो शिंदे के साथ आए हैं उन सभी के भविष्य का फैसला अब होने जा रहा है महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सभी को नोटिस जारीकर 14 सितंबर से सुनवाई शुरू करने का एक आदेश जारी कर दिया है। अब सभी विधायकों को अपनी-अपनी बात रखने का पूरा अधिकार भी होगा यह बात भी विधान सभा अध्यक्ष ने कहा है कि किसी के साथ भी हम अन्याय नहीं करेंगे संविधान के मुताबिक पूरी तरीके से काम किया जाएगा।

एकनाथ शिंदे का भी नाम

अब सवाल यह खड़ा होता है कि संविधान के मुताबिक यहां पर सुनवाई होने जा रही है। तो इस पर ठाकरे सेना के जितने भी विशेषज्ञ है या जो नेता है उनका साफ मानना है कि संविधान के खिलाफ यह काम हुआ है और जितने भी ५४ विधायक हैं उसमें एकनाथ शिंदे का भी नाम है जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी हैं इन लोगों को अयोग्य किया जाना निश्चित है ऐसा मानकर चल रहे हैं हालांकि सुनवाई जल्द हो इस बात को लेकर उद्धव ठाकरे की तरफ से फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जा चुका है।

दूध का दूध और पानी का पानी होगा

हालांकि अब सुनवाई शुरू होने जा रही है अब देखना यह होगा कि जो ५४ विधायक है जिसमें एकनाथ शिंदे का भी नाम है क्या उनके भविष्य का फैसला उनके पक्ष में आता है या उनके विरोध में आता है यह एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। लेकिन सुनवाई शुरू हो रही है इस बात का संतोष कम से कम ठाकरे गुट को है। दोनो पक्षों का कहना है की सुनवाई शुरू होगी तो जरूर दूध का दूध और पानी का पानी होगा अब देखना होगा की सुनवाई के बाद फैसला क्या होता है।

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