India News (इंडिया न्यूज), Mamata Banerjee Viral Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें टीएमसी नेता ममता बनर्जी अध्यक्ष की कुर्सी के पास जाकर कुछ कागजात फेंकते हुए नजर आ रही है। इसके बाद इसी वीडियो में वो रोते हुए नजर आ रही है और अपनी साड़ी की पल्लू से अपनी आंसू पोंछते हुए नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि, ये वीडियो अगस्त 2005 की है। जिसमें टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के मुद्दे पर लोकसभा में विरोध प्रदर्शन किया था।
तत्कालीन अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने प्रस्ताव को किया था अस्वीकार
उन्होंने इसे एक बहुत ही गंभीर मामला बताया जिस पर देश को चिंतित होना चाहिए और यहां तक कहा कि अवैध अप्रवासी पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची का हिस्सा हैं। लोकसभा के तत्कालीन अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने उनके प्रस्ताव और अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिससे वे असहाय महसूस करने लगीं। उन्होंने राजनीतिक पूर्वाग्रह के बारे में बात की और हताश होकर स्पीकर की कुर्सी की ओर कागज फेंके। ममता बनर्जी विरोध कर रही थीं कि कैसे अवैध अप्रवासी पश्चिम बंगाल को बर्बाद कर रहे हैं और राज्य को उनसे बचाने की कोशिश कर रही थीं। उनका विरोध तत्कालीन सत्तारूढ़ सीपीआई(एम) पार्टी के खिलाफ था।
क्या था पूरा मामला?
करीब 20 साल पहले संसद के अंदर कुछ ऐसा हुआ था जिसे आज भी याद किया जाता है। 4 अगस्त 2005 का दिन था जब ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। उस समय लोकसभा के अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी थे लेकिन उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल स्पीकर की कुर्सी पर थे। अटवाल ने ममता बनर्जी से कहा कि उनके नोटिस को स्पीकर ने खारिज कर दिया है। अनुमति न मिलने के बावजूद उन्होंने बोलना जारी रखा और हंगामा करना शुरू कर दिया। ममता बनर्जी अचानक वेल की ओर बढ़ गईं। इसके बाद ममता ने अपने हाथ में लिए कागज स्पीकर की ओर फेंके और इस्तीफा भी दे दिया। हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया।
ममता बनर्जी के व्यवहार से सदस्य हैरान
उस समय ममता बनर्जी के व्यवहार से कई लोग हैरान थे। स्पीकर की ओर कागज फेंकने के बाद जब वह अपनी सीट पर आईं तो वह रोती भी नजर आईं। उस समय यूपीए की सरकार थी और ममता बनर्जी एनडीए का हिस्सा हुआ करती थीं। ममता बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश से आने वाले अवैध प्रवासियों को पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में शामिल किया गया है। राज्य सरकार इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर रही है, इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए। तत्कालीन उपसभापति ने बताया कि इस मुद्दे पर कुछ घंटे पहले ही सत्र की शुरुआत में चर्चा हो चुकी है। इस पर ममता ने कहा कि सदन की सदस्य होने के नाते जनता की आवाज उठाना मेरा अधिकार है। उस समय सदन के अंदर ममता बनर्जी के व्यवहार की वाम दलों और कांग्रेस के सांसदों ने काफी आलोचना की थी। जब ममता बनर्जी लोकसभा में रोने लगी थीं।
वाम दलों के सदस्यों से ममता बनर्जी की हुई थी तीखी बहस
वेल में जाने से पहले ममता बनर्जी की वाम दलों के कुछ सदस्यों से तीखी बहस भी हुई थी। इस बहस के बाद ममता अचानक चेयर की ओर बढ़ गईं। चेयर पर उनके द्वारा कागज फेंकने के कारण सदन को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा। उन्होंने स्पीकर पर राजनीतिक पक्षपात करने का भी आरोप लगाया, लेकिन इस टिप्पणी को कार्यवाही से हटा दिया गया। बताया जाता है कि कागज फेंकने की घटना के बाद जब समाजवादी पार्टी की सदस्य जया प्रदा उनके पास पहुंचीं तो उन्होंने उन्हें अपनी सीट पर रोते हुए देखा। ममता बनर्जी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया, क्योंकि यह डिप्टी स्पीकर को संबोधित था और यह उचित इस्तीफा पत्र नहीं था।
बाहर आकर बोलीं- मैंने इस्तीफा दे दिया…
संसद से बाहर आकर उन्होंने कहा कि मैंने लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। ममता के मुताबिक, उन्होंने अपना इस्तीफा इसलिए सौंपा क्योंकि वह सदन में लोगों के मुद्दे नहीं उठा पा रही थीं। ममता बनर्जी ने उस समय कहा था कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से आए अवैध अप्रवासी भी मतदाता सूची का हिस्सा हैं। राज्य सरकार ने इस बारे में कुछ नहीं किया है। इसलिए इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए।