India News (इंडिया न्यूज), Jinnah House: भारत में अचानक मोहम्मद अली जिन्नाह फिर से चर्चा में आ गए हैं। दरअसल इस बार उनके चर्चा में आने की वजह उनका एक बेहद पुराना बांग्ला है। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने 1936 में मुंबई के मालाबार हिल इलाके में अपने लिए एक शानदार बंगला बनवाया था, जिसका नाम ‘साउथ कोर्ट’ है। यह एक बड़ा और खूबसूरत एक मंजिला विला है, जिसका अब जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इस काम के लिए विदेश मंत्रालय की अंतिम मंजूरी का इंतजार है। TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय इस बंगले को एक खास डिप्लोमैटिक एन्क्लेव बनाना चाहता है।
जानकारी के लिए बता दें कि मुंबई हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी ने अगस्त 2023 में इस हेरिटेज साइट की मरम्मत को मंजूरी दी थी। विदेश मंत्रालय ने यह काम केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को सौंपा है, और उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए सर जेजे कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर को कंसल्टेंट नियुक्त किया है। जिन्ना के इस आर्ट डेको स्टाइल के घर को क्लाउड बैटली ने डिजाइन किया था, जो उस समय जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में आर्किटेक्चर विभाग के प्रमुख थे।
2018 में विदेश मंत्रालय को सौंपा गया बंगला
2018 में प्रधानमंत्री कार्यालय ने फैसला किया था कि ‘जिन्ना हाउस’ के नाम से मशहूर इस बंगले को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) से विदेश मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा। 2017 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मालाबार हिल के विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने बताया था कि विदेश मंत्रालय इस बंगले की मरम्मत और साज-सज्जा दिल्ली के हैदराबाद हाउस की तरह करेगा।
जिन्ना हाउस में कई किए जाएंगे कई तरह के बदलाव
TOI को मिले दस्तावेजों के मुताबिक, MHCC को दिए गए प्रस्ताव में जिन्ना हाउस (करीब 39,000 वर्ग फीट के निर्मित क्षेत्र वाला बंगला) के इस्तेमाल और बदलाव की बात कही गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि बंगले को रहने की जगह से ऑफिस में बदला जाएगा और इसमें जरूरी मरम्मत, बदलाव और बागवानी का काम भी किया जाएगा।
दस्तावेजों में बताया गया है कि इस कार्य में पौधों को हटाना, प्लास्टर करना, पेंटिंग, दरवाजे, खिड़कियां और वेंटिलेटर की मरम्मत और नवीनीकरण शामिल है। इसमें बंगले की मजबूत मरम्मत, चिनाई का काम, सामने की सीढ़ियों का पुनर्निर्माण, नए बीम और कॉलम लगाना और जगह बढ़ाने के लिए पहली मंजिल पर आंतरिक दीवारों को हटाना भी शामिल है। ये सभी काम हेरिटेज सुविधाओं को नुकसान पहुंचाए बिना किए जाएंगे।
हेरिटेज कमेटी ने 2023 में किया दौरा
हेरिटेज कमेटी ने 2023 के मध्य में जब साइट का दौरा किया, तो उन्होंने सिफारिश की कि पुराने फर्नीचर, झूमर, फिटिंग और अन्य वस्तुओं की मरम्मत की जाए और उनका दोबारा इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बंगले की बाउंड्री वॉल पहले की तरह पत्थर से बनाई जानी चाहिए ताकि यह पुराने डिजाइन से मेल खाए।
प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि सभी जरूरी मंजूरी और प्लान तैयार हैं, लेकिन अब केंद्र सरकार से अंतिम हरी झंडी का इंतजार है ताकि काम शुरू किया जा सके। दस्तावेजों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय (MEA) ने अभी तक बंगले के किसी भी हिस्से में कोई बदलाव नहीं किया है और न ही और निर्माण की मांग की है। लेकिन कहा गया है कि भारत की पहचान, इतिहास और संस्कृति को दर्शाने के लिए अंदर कुछ सौंदर्य संबंधी बदलाव किए जा सकते हैं।
जिन्ना की बेटी ने दायर की थी याचिका
जिन्ना की इकलौती बेटी दीना वाडिया ने इस संपत्ति पर मालिकाना हक पाने के लिए 2007 में बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी मृत्यु के बाद कोर्ट ने उनके बेटे को याचिका आगे बढ़ाने की अनुमति दी थी। जिन्ना हाउस को “निष्क्रांत संपत्ति” माना गया है यानी 1 मार्च 1947 के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए व्यक्ति की संपत्ति।