India News (इंडिया न्यूज), Mother Daughter Relationship: अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहने वाली 52 वर्षीय महिला क्रिस्टी श्मिट ने अपनी बेटी की खुशियों के लिए एक ऐसा फैसला लिया जिसने दुनिया को हैरान कर दिया है। उन्होंने अपनी बेटी हेइडी के लिए मां का फर्ज निभाते हुए अपने दामाद के बच्चे को अपनी कोख में रखा और जन्म दिया है। क्रिस्टी के इस साहसिक फैसले के पीछे एक मां का प्यार और त्याग था, जो किसी भी हद तक जा सकता है। क्रिस्टी और उनकी बेटी हेइडी हमेशा से एक-दूसरे के बेहद करीब रही हैं। हेइडी का बचपन से ही मां बनने का सपना था, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। 2015 में जॉन से शादी करने के बाद उन्होंने परिवार बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन कई सालों की कोशिशों के बावजूद वे गर्भवती नहीं हो पाईं।
हेइडी ने खो दिए अपने दोनों बच्चें
जब हेइडी ने आखिरकार 2020 में गर्भधारण किया, तब भी किस्मत ने उन्हें पूरी खुशी नहीं दी। डॉक्टरों ने बताया कि हेइडी को यूटेरिन डिडेलफिस नामक एक दुर्लभ बीमारी थी, जिसमें महिला के दो गर्भाशय होते हैं। वह जुड़वाँ बच्चों से गर्भवती थी, लेकिन 10 सप्ताह में एक बच्चे की धड़कन बंद हो गई और 24 सप्ताह में उसने अपने बेटे मलकाई को खो दिया। इस घटना ने हेइडी को अंदर से तोड़ दिया। डॉक्टरों ने उसे चेतावनी दी कि भविष्य में गर्भधारण करना उसके लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में हेइडी ने आईवीएफ और सरोगेसी के जरिए मां बनने का विकल्प तलाशा।
मां ने लिया बड़ा फैसला
जब उसने यह बात अपनी मां क्रिस्टी से साझा की, तो क्रिस्टी ने बिना समय गंवाए खुद सरोगेट मदर बनने का फैसला किया उसने कहा, “मैं तुम्हारे और जॉन के बच्चे को अपनी कोख में रखूंगी।” 52 साल की उम्र में क्रिस्टी पूरी तरह से फिट थी और मेडिकल टेस्ट के बाद उसे गर्भधारण की अनुमति मिल गई। हार्मोनल इंजेक्शन और उपचार के बाद उसका शरीर गर्भधारण के लिए तैयार हो गया। भ्रूण स्थानांतरण के नौ दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया। यह खबर उसके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी।
बच्ची को पाकर खुशी से झूमी हेइडी
हालांकि कुछ लोगों ने क्रिस्टी की आलोचना की और कहा कि वह अपनी बेटी के अनुभव को छीन रही हैं, लेकिन उन्हें किसी की परवाह नहीं थी। उनके पति रे ने भी उनका पूरा समर्थन किया और मज़ाक में कहा, “यह बच्चा मेरा नहीं, बल्कि हमारे दामाद और मेरे पोते का है।” मार्च 2022 में एक बच्ची एक्को जॉय एक नियोजित सी-सेक्शन के जरिये पैदा हुई। हेइडी ने कहा, “जब मैंने उसे अपनी बाहों में लिया, तो ऐसा लगा जैसे मेरी टूटी हुई दुनिया फिर से मिल गई हो।” आज एक्को तीन साल की हो गई है और अपनी नानी क्रिस्टी के बहुत करीब है। क्रिस्टी ने कहा, “मुझे किसी धन्यवाद की ज़रूरत नहीं है, मेरी बेटी की खुशी के लिए ऐसा करना मेरे लिए सम्मान की बात थी।” यह कहानी सिर्फ़ सरोगेसी की नहीं है, बल्कि एक मां के त्याग की मिसाल है जो अपनी बेटी के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए हर हद पार करने को तैयार थी।