India News (इंडिया न्यूज), Aurangzeb: औरंगजेब का पूरा नाम अब्दुल मुजफ्फर मुहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर था। वह मुगल साम्राज्य का छठा शासक था। औरंगजेब अपनी कठोर नीतियों और कट्टर शासन के लिए जाना जाता है। उसने सत्ता के लिए अपने भाइयों को मार डाला और अपने पिता शाहजहां को भी कैद कर लिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उसकी अपनी बेटी ज़ेबुन्निसा भी थी, जिसे उसने करीब 20 साल तक कैद में रखा था। चलिए आपको सुनाते हैं क्रूरता केए खौफनाक दास्तान।

मुगल बादशाह औरंगजेब की क्रूर नीतियां और अत्याचार

भाई की हत्या और पिता की कैद: औरंगजेब ने सत्ता हासिल करने के लिए अपने ही भाई दारा शिकोह को हराकर मार डाला। उसने अपने पिता शाहजहां को भी आगरा किले में नजरबंद कर दिया, जिसके कारण कैद में ही उनकी मौत हो गई।

मराठा योद्धाओं के खिलाफ क्रूरता: छत्रपति संभाजी महाराज को पकड़ने के बाद उन्हें भयानक यातनाएं दी गईं। उनकी आंखें फोड़ दी गईं, जीभ काट दी गई और उनके शरीर को क्षत-विक्षत करके उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।

गुरु तेग बहादुर की शहादत: गुरु तेग बहादुर को जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया। जब उन्होंने इनकार कर दिया, तो उन्हें कैद में यातनाएं दी गईं और मार दिया गया।
हिंदुओं पर धार्मिक अत्याचार: अकबर द्वारा समाप्त किए गए जजिया कर को फिर से लागू किया गया, जिससे हिंदुओं को भारी कर चुकाना पड़ा। काशी विश्वनाथ, कृष्ण जन्मभूमि और सोमनाथ जैसे कई महत्वपूर्ण मंदिरों को नष्ट कर दिया गया।
राजपूत राज्यों पर आक्रमण: मेवाड़ और मारवाड़ के राजपूत शासकों पर जबरन कर लगाया गया। मारवाड़ की महारानी अजीत सिंह की माँ को भी अमानवीय व्यवहार सहना पड़ा।
संतों और आध्यात्मिक नेताओं का उत्पीड़न: कई भक्ति संतों, विशेष रूप से संत रामदास को प्रताड़ित किया गया। हिंदू आश्रमों और मंदिरों की संपत्ति जब्त कर ली गई।
दक्षिण भारत में युद्ध और क्रूरता: बीजापुर और गोलकुंडा जैसे राज्यों पर आक्रमण किया गया और उनके शासकों को हटा दिया गया। युद्ध के दौरान, सैनिकों ने लूटपाट की, महिलाओं को मारा और प्रताड़ित किया।
हिंदू समाज पर अत्याचार: लाखों हिंदुओं को जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने का प्रयास किया गया। आम जनता के खिलाफ अत्याचार और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं आम हो गईं।

जेबुन्निसा कौन थी?

जेबुन्निसा औरंगजेब की सबसे बड़ी और बेहद बुद्धिमान बेटी थी। जेबुन्निसा का जन्म 15 फरवरी 1638 को हुआ था। बचपन से ही उनकी पढ़ाई में रुचि थी। उन्हें अरबी और फारसी की गहरी समझ थी और वे मात्र 7 साल की उम्र में हाफ़िज़ (कुरान की ज्ञाता) बन गईं। औरंगजेब ने शुरू में उन्हें बहुत सम्मान दिया, लेकिन जैसे-जैसे उनकी रुचि साहित्य, सूफी विचारों और अन्य धर्मों की शिक्षाओं में बढ़ती गई, उनके पिता की नाराजगी भी बढ़ती गई। वे फारसी और अरबी साहित्य में पारंगत थीं और एक शानदार कवयित्री भी थीं। उनकी कविताएँ “मखफी” (गुप्त) नाम से काफी प्रसिद्ध हुईं।

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उन्हें कैद क्यों किया गया?

ऐसा कहा जाता है कि जेबुन्निसा अपने पिता की सख्त धार्मिक नीतियों से असहमत थीं और कई बार उन्होंने उनके फैसलों का विरोध भी किया। कुछ ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, वह दारा शिकोह की सूफी विचारधारा की ओर झुकी हुई थी, जो औरंगजेब को पसंद नहीं थी। एक अन्य कहानी के अनुसार, जेबुन्निसा को एक युवा राजकुमार अकरम खान से प्यार हो गया था और जब औरंगजेब को इस बारे में पता चला, तो उसने अपनी बेटी को दिल्ली के सलीमगढ़ किले में कैद कर दिया। जेबुन्निसा लगभग 20 साल तक किले की दीवारों के भीतर कैद रही। ऐसा कहा जाता है कि उसने वहीं अपनी आखिरी सांस ली और उसे गुमनाम तरीके से दफनाया गया। औरंगजेब की यह कहानी उसकी क्रूरता को दर्शाती है, जहां उसने सत्ता के लिए अपने ही परिवार को नहीं बख्शा।

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