India News (इंडिया न्यूज), Pahalgam terror attack NIA: पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार सख्त कार्रवाई की तैयारी में दिख रही है। पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसलों के बाद अब इस आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है। आइए जानते हैं एनआईए कैसे काम करती है और इसके पास कितनी शक्तियां और सुविधाएं हैं?
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए दरअसल देश में आतंकवाद से निपटने के लिए स्थापित एक केंद्रीय जांच एजेंसी है, जिसका गठन भारत सरकार ने एनआईए एक्ट-2008 के तहत किया है। 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के बाद केंद्र सरकार ने आतंकवाद से निपटने के लिए इस केंद्रीय एजेंसी के गठन का फैसला किया और इसकी स्थापना की गई। यह केंद्रीय जांच एजेंसी सीधे गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है।
इन अपराधों की जांच का है अधिकार
एनआईए को मानव तस्करी से लेकर जाली करेंसी और बैंक नोटों से जुड़े अपराधों, साइबर आतंकवाद से जुड़े अपराधों से लेकर विस्फोटक पदार्थों, प्रतिबंधित हथियारों के निर्माण और बिक्री तक के अपराधों की जांच का अधिकार है। इसके अलावा एनआईए अधिकारियों के पास ऐसे सभी अपराधों की जांच करने के लिए पुलिस अधिकारियों के समान ही अधिकार हैं।
इसके साथ ही एनआईए को विदेशों में हो रहे ऐसे सूचीबद्ध अपराधों की जांच करने का भी अधिकार है, जो अंतरराष्ट्रीय संधियों और दूसरे देशों के घरेलू कानूनों के अंतर्गत आते हैं। इन सबके अलावा केंद्र सरकार को भारत में होने वाले सूचीबद्ध अपराधों के सभी मामलों की जांच करने के लिए एनआईए को सीधे निर्देश देने का अधिकार है। अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौतों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों के सम्मेलनों और प्रस्तावों के साथ-साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों की संधियों को लागू करना एनआईए के अधीन है।
इन कानूनों के तहत जांच एजेंसी को अधिकार दिए गए
एनआईए (संशोधन) अधिनियम 2019 के जरिए सरकार ने भारत के बाहर हो रहे ऐसे सूचीबद्ध अपराधों की जांच करने का अधिकार दिया है, जिनमें भारतीय नागरिक शामिल हैं या जिनसे भारत का संबंध है। इसी तरह विस्फोटक पदार्थ अधिनियम-1908, मानव तस्करी, साइबर आतंकवाद और शस्त्र अधिनियम-1959 के जरिए एनआईए को अधिकार दिए गए हैं।
एनआईए अधिकारियों के लिए अलग से कोई भर्ती नहीं होती है। इन अधिकारियों का चयन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस), राज्य पुलिस और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय सेवाओं के साथ-साथ सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों से किया जाता है। केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए में कर्मचारियों की भर्ती परीक्षा के माध्यम से की जाती है।
एनआईए का मुख्यालय दिल्ली में स्थित
दिसंबर 2024 में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा राज्यसभा में दिए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया गया है कि एनआईए का मुख्यालय दिल्ली में है। गुवाहाटी और जम्मू में इसके दो क्षेत्रीय कार्यालय हैं। साथ ही, देश भर में इसके 21 शाखा कार्यालय हैं। एनआईए के लिए कुल 1901 पद सृजित किए गए हैं, जिनमें से 664 पद पिछले पांच वर्षों में सृजित किए गए हैं। शुरुआत में, वर्ष 2009-10 के दौरान, सरकार ने एनआईए के लिए 12.09 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। वर्ष 2014-15 में यह आवंटन बढ़ाकर 91.32 करोड़ कर दिया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इसे और बढ़ाकर 394.66 करोड़ रुपये कर दिया गया।
सरकार ने देश भर में 51 एनआईए विशेष न्यायालय स्थापित किए हैं, जिनमें से दो एनआईए विशेष न्यायालय रांची और जम्मू में हैं, जो विशेष रूप से एनआईए की जांच के तहत सूचीबद्ध मामलों की ही सुनवाई के लिए स्थापित किए गए हैं। इन न्यायालयों के माध्यम से मामलों की सुनवाई शीघ्र होती है और फैसला भी जल्दी आता है। एनआईए ने अपने गठन से लेकर दिसंबर 2024 तक 640 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 147 मामलों में फैसला भी आ चुका है। इनमें सजा की दर 95.23 प्रतिशत रही।