India News (इंडिया न्यूज), Time Traveler: टाइम ट्रैवलिंग से जुड़ी कहानियां हमें अक्सर सुनने और पढ़ने को मिलती रहती हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई कोई इंसान टाइम ट्रैवल कर सकता है? हॉलीवुड की कई फिल्मों में टाइम ट्रैवल को बेहद अनोखे अंदाज में दिखाया गया है। इन फिल्मों को देखने के बाद लोग टाइम ट्रैवल पर यकीन करने लगते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि टाइम ट्रैवल महज एक कल्पना है, लेकिन कई बार ऐसे सबूत देखने को मिलते हैं, जो टाइम ट्रैवल को सच साबित करते हैं।
कौन थे वो वैज्ञानिक?
हालांकि, एक वैज्ञानिक ऐसे भी थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने टाइम ट्रैवल किया था। उनका नाम निकोला टेस्ला था, जिन्होंने मानव जाति का पूरा इतिहास बदल दिया। निकोला टेस्ला का नाम महान वैज्ञानिकों में शामिल है। उनका जन्म 10 जुलाई 1856 को क्रोएशिया में हुआ था। टेस्ला अपने स्कूल के दिनों में काफी होशियार थे। वो गणित के सबसे कठिन सवालों को अपने दिमाग में ही हल कर लेते थे। 1875 में निकोला टेस्ला ने पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन लिया। वहां उन्होंने नौ परीक्षाओं में पहला स्थान हासिल किया।
ऐसे शुरू हुई कहानी
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद निकोला टेस्ला ने कई जगहों पर काम किया। इसके बाद वो थॉमस एडिसन के साथ काम करने लगे। वहां उन्होंने एडिसन को कई आविष्कारों की खोज में बहुत मदद की। इस दौरान एडिसन ने टेस्ला को अपने जनरेटर और मोटर को बेहतर बनाने की चुनौती दी। उन्होंने टेस्ला से कहा कि अगर वह ऐसा करेंगे तो एडिसन उन्हें कई हजार डॉलर देंगे। जब टेस्ला ने यह काम किया तो थॉमस एडिसन अपने वादे से मुकर गए। इस वजह से निकोला टेस्ला और एडिसन के बीच मतभेद हो गया और टेस्ला ने वहीं से नौकरी छोड़ दी।
इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की कंपनी बनाई, यहां उन्होंने सदी की सबसे बड़ी खोज एसी करंट सिस्टम की खोज की। इसके तहत बिजली को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहुंचाया जा सकता था। वहीं दूसरी तरफ थॉमस एडिसन डीसी करंट सिस्टम के पक्ष में थे। इसके बाद दोनों के बीच एसी/डीसी युद्ध शुरू हो गया। बाद में यह एसी/डीसी युद्ध विज्ञान की दुनिया का सबसे मशहूर युद्ध बन गया। इसमें निकोला टेस्ला ने जीत हासिल की। निकोला टेस्ला ने अपने जीवन में कई आविष्कार किए। उन्होंने टेस्ला कॉइल, इलेक्ट्रिक मोटर, एक्स-रे तकनीक, रेडियो, एसी करंट जैसी कई महत्वपूर्ण खोजें कीं।
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टेस्ला 8 भाषाएं जानते थे
एक रिपोर्ट के मुताबिक रेडियो का आविष्कार जी. मारकोनी ने नहीं बल्कि निकोला टेस्ला ने किया था। आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन जी. मारकोनी द्वारा की गई रेडियो की खोज को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने अमान्य घोषित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने इस आविष्कार का पेटेंट निकोला टेस्ला को दे दिया। निकोला टेस्ला ने कई किताबें पढ़ी थीं। वह 8 भाषाएं जानते थे। उनकी याददाश्त कमाल की थी।
अद्भुत भविष्यवाणियां कीं
निकोला टेस्ला के अनुसार, उन्होंने भूत, भविष्य और वर्तमान को एक साथ देखा। टेस्ला ने अपने समय में कई अद्भुत भविष्यवाणियां कीं, जो बाद में सच साबित हुईं। अपने जीवन के अंतिम दिनों में, उनके कुछ प्रयोग असफल साबित हुए। इसके कारण वे डिप्रेशन में चले गए। उन्होंने सभी से मिलना-जुलना बंद कर दिया। वे अकेले रहने लगे। इस महान वैज्ञानिक की मृत्यु 1943 में हुई। निकोला टेस्ला ने कई बड़ी वैज्ञानिक खोजें कीं, जिनका उन्हें कभी कोई श्रेय नहीं मिला। इतना कुछ करने के बावजूद, इस महान वैज्ञानिक का जीवन बहुत गरीबी में बीता।