India News (इंडिया न्यूज), Mosquito Free Country: क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है, जहां साल भर एक भी मच्छर नहीं पाया जाता? जी हां, ये सच है! इस देश के लोग मच्छरों के बारे में सिर्फ किताबों में पढ़ते हैं या तस्वीरों में देखते हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित आइसलैंड देश की। यह एक अनोखा देश है, जहां मच्छर नहीं होते। यह सुनकर हैरानी होती है, लेकिन इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं।

आइसलैंड में मच्छरों के न होने के कारण

कम तापमान: आइसलैंड का तापमान साल भर बहुत कम रहता है, यहां तक ​​कि सर्दियों में यह -38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इतनी ठंड में पानी जम जाता है, जिससे मच्छरों के लार्वा और प्यूपा जीवित नहीं रह पाते और उनका प्रजनन चक्र बाधित हो जाता है।

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तेजी से बदलता मौसम: आइसलैंड का मौसम बहुत तेजी से बदलता है। तापमान में अचानक बदलाव मच्छरों के जीवन चक्र को पूरा करने में बाधा डालता है, जिससे वे पनप नहीं पाते।

स्थिर जल निकायों की कमी: मच्छर स्थिर पानी में अपने अंडे देते हैं। आइसलैंड में अधिकांश जल निकाय बह रहे हैं या जल्दी जम जाते हैं, जिससे मच्छरों को अंडे देने और पनपने के लिए अनुकूल  जगह नहीं मिल पाती।

पारिस्थितिकी संरचना: कुछ वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि आइसलैंड की मिट्टी, पानी और समग्र पारिस्थितिकी संरचना मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल नहीं है। यहां की रासायनिक संरचना मच्छरों के जीवन चक्र को पूरा नहीं करने देती।

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च्छरों के अलावा ये प्रजातियां नहीं पाई जातीं

आइसलैंड न केवल मच्छरों से मुक्त है, बल्कि यहां सांपों और अन्य सरीसृपों की कई प्रजातियां भी नहीं पाई जाती हैं। हालांकि, मकड़ियों और अन्य कीड़ों की कुछ प्रजातियां यहां मौजूद हैं। आइसलैंड का पारिस्थितिकी तंत्र अपनी विशेषताओं के लिए जाना जाता है, जहां कई जीव-जंतु और वनस्पतियां कठोर जलवायु परिस्थितियों के बावजूद पनपती हैं। देखा जाए तो आइसलैंड पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। यहां के प्राकृतिक नज़ारे जैसे झरने, ग्लेशियर और ज्वालामुखी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मच्छरों का न होना यहां के पर्यटन का एक और बड़ा आकर्षण है, क्योंकि टूरिस्ट  बिना बेफिक्र होकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।