India News (इंडिया न्यूज), Indus Waters Treaty: पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर खुफिया सूत्रों का कहना है कि आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। कहा जा रहा है कि हमले के पीछे हाफिज सईद के करीबी सैफुल्लाह कसूरी का हाथ था। ऐसे में एक बार फिर देश में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठने लगी है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोग पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की बात कर रहे हैं। आपको बता दें, इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, 17 लोग घायल हैं।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सबका ध्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और CCS बैठक पर था जिसमें कई अहम फैसले ले लिए हैं। जिसमें सिंधु जल संधि सबसे महत्वपूर्ण है जिसे स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में चलिए आपको उस सिंधु जल संधि के बारे में बताते हैं, जिसे हमेशा के लिए रद्द करके भारत एक झटके में पूरे पाकिस्तान को खत्म कर सकता है। आपको बता दें, पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत में कई बार सिंधु जल संधि को रद्द करने की मांग उठ चुकी है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार फिर इस जल संधि को खत्म करने की मांग उठ रही है।

सिंधु जल संधि क्या है?

यह समझौता भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद दोनों देशों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया गया था। 19 सितंबर 1960 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत छह नदियों व्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी के इस्तेमाल के नियम तय किए गए थे। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों चिनाब, झेलम और सिंधु का सारा पानी मिलता है। भारत को सतलुज, व्यास और रावी नदियों का पानी मिलता है।

युद्ध के बावजूद भारत दरियादिली 

आपको बता दें कि आजादी के बाद पाकिस्तान के साथ कई युद्ध लड़ चुके भारत ने कभी इस समझौते को नहीं तोड़ा और न ही पाकिस्तान का पानी रोका। इस समझौते के मुताबिक कोई भी देश एकतरफा इस संधि को तोड़ नहीं सकता और नियमों में बदलाव भी नहीं कर सकता। भारत और पाकिस्तान को मिलकर इस संधि में बदलाव करने होंगे और नया समझौता करना होगा। लगातार आतंकी साजिशों के बावजूद भारत ने इस समझौते को कायम रखा है।

हमले का बदला लेने में सबसे क्रूर है ये देश, दुश्मन को देता है ऐसी मौत… कांप उठती है पुरखों तक की आत्मा

अगर भारत समझौता तोड़ता है तो क्या होगा?

बता दें कि CCS बैठक में तय हुआ है कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से तब तक निलंबित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन नहीं छोड़ देता। आपको बता दें, विश्व बैंक की लंबी मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के लागू होने से पहले 1 अप्रैल 1948 को भारत ने दो प्रमुख नहरों का पानी रोक दिया था, जिससे पाकिस्तानी पंजाब की 17 लाख एकड़ ज़मीन पानी के लिए प्यासी हो गई थी। ऐसे में अगर आज की समझ से भारत इन नदियों का पानी रोक देता है तो पाकिस्तान में हाहाकार मच जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान के पास भारत के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ विश्व बैंक में अपील करने का अधिकार होगा।

पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ… PAK क्रिकेटर ने अपने ही देश के PM को रगड़ा, दुनिया के सामने कर दिया बेनकाब!