India News (इंडिया न्यूज), Pahalgam Terror Attack: हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर में हुए हमले को लेकर तनाव बना हुआ है। भारत में 26 निहत्थे लोगों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी है। जिसके बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि, अब वर्ष 2025 के लिए की गईं नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी सच होने वाली है। यानिकि जल्द ही युद्ध की सम्भावना बनती हुई नजर आ रही है। नास्त्रेदमस के द्वारा की गई भविष्यवाणियों के आधार पर 2019 में एक स्टडी की गई थी और इसमें 2025 में भारत-पाक युद्ध की संभावना जताई गई थी। खास बात यह है कि इसने सिर्फ युद्ध की भविष्यवाणी नहीं की, बल्कि परमाणु युद्ध की स्थिति में आने वाली विनाशकारी तस्वीर भी सामने लाकररख दी थी।
डरा रही ये स्टडी
यह अध्ययन कोलोराडो विश्वविद्यालय और रटगर्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था, जिसमें अमेरिका के कई प्रमुख संस्थानों जैसे यूएस नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च, फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से सहयोग लिया गया। इसे प्रतिष्ठित साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित किया गया था। अध्ययन का उद्देश्य साफ था, परमाणु युद्ध के खतरे को दुनिया के सामने लाना और 2017 में हुए संयुक्त राष्ट्र की परमाणु हथियार निषेध संधि की आवश्यकता पर जोर देना।
परमाणु युद्ध का खौफनाक होगा नजारा
इस स्टडी में बताया गया कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध परमाणु स्तर पर पहुँचता है, तो स्थिति ज्यादा भयावह हो सकती है। वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन के ज़रिए अनुमान लगाया कि यदि भारत 100 परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करता है और पाकिस्तान 150 का, तो शुरूआती हमलों में ही करीब 10 करोड़ लोगों की जान जा सकती है। सिर्फ यही नहीं, युद्ध के बाद के प्रभाव और अधिक गंभीर होंगे। अनुमान है कि इस युद्ध से 5 करोड़ से लेकर 12.5 करोड़ लोगों की अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं, जो रेडिएशन, जलवायु परिवर्तन और भूखमरी के कारण होंगी।
धरती पर छा जाएगा अंधेरा
रटगर्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एलन रोबॉक इस अध्ययन के सह-लेखक हैं, उन्होंने चेतावनी दी थी कि एक सीमित क्षेत्रीय युद्ध भी पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है। अध्ययन में यह भी कहा गया कि परमाणु विस्फोटों के बाद बड़े पैमाने पर आग लगेगी, जिससे करीब 1.6 से 3.6 करोड़ टन काले धुआँ बनेगा। ये धुआं ऊपरी वायुमंडल में पहुंचकर पूरी पृथ्वी को ढक लेगा, जिससे सूरज की रोशनी 35 फीसदी तक घट सकती है। इसके कारण धरती का तापमान औसतन 5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाएगा और बारिश में भी 30 प्रतिशत तक की गिरावट होगी।
खेती-बाड़ी और महासागर पर असर
इस स्टडी में चेताया गया कि सूर्य की रोशनी और बारिश की कमी से वनस्पति की वृद्धि में 30 फीसदी और महासागर की उत्पादकता में 15 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। यह स्थिति वैश्विक खाद्य संकट को जन्म दे सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन प्रभावों से उबरने में धरती को कम से कम 10 साल का समय लग सकता है।
क्या सही साबित हो सकती है भविष्यवाणी?
हाल ही में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है। ऐसे में 2019 का यह अध्ययन और उसमें किया गया 2025 का अनुमान फिर से चर्चा में है। भारत और पाकिस्तान दोनों को परमाणु शक्ति संपन्न देश माने जाते हैं। अध्ययन में कहा गया था कि 2025 तक भारत के पास 400 से 500 परमाणु हथियार हो सकते हैं, जिनकी क्षमता हिरोशिमा पर गिराए गए बम के बराबर या उससे अधिक हो सकती है। हालांकि यह अध्ययन भविष्यवाणी नहीं, बल्कि चेतावनी थी, कि अगर समय रहते परमाणु हथियारों पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो इसका खामियाजा सिर्फ दो देशों को नहीं, पूरी दुनिया को भुगतना पड़ेगा। आज जब दोनों देशों के बीच हालात फिर से तनावपूर्ण हो रहे हैं, तो यह जरूरी है कि इस अध्ययन की चेतावनी को गंभीरता से लिया जाए।