India News (इंडिया न्यूज), Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते अब तक के सबसे खराब दौर में पहुंच गए हैं। एक बार फिर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी साजिश के आरोप लग रहे हैं, जिसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने समेत कई सख्त कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने इसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार देते हुए कहा है कि पाकिस्तान हर तरह से तैयार है। इस बीच भारत में भी पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग तेजी से उठ रही है और अब सब कुछ भारत सरकार के रुख पर निर्भर करता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल में युद्ध हो या न हो, लेकिन इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान को हर बार भारत से हार का सामना करना पड़ा है। मौजूदा हालात में एक बार फिर युद्ध की संभावना बन रही है, दोनों देशों के बीच युद्ध हो या न हो, लेकिन पांच ऐसे मोर्चे हैं, जिन पर पाकिस्तान पहले ही भारत से हार चुका है।
प्रति व्यक्ति आय में पाकिस्तान शिकस्त
अगर भारत और पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय की तुलना की जाए, तो इस मोर्चे पर भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी है। 2024 के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत की प्रति व्यक्ति आय 2711 डॉलर होगी, जबकि पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय 1581 डॉलर होगी। जबकि 1960 में दोनों देशों की प्रति व्यक्ति आय लगभग बराबर थी। 1960 में भारत की प्रति व्यक्ति आय 85 डॉलर थी और पाकिस्तान की 82 डॉलर।
शिक्षा पर खर्च करने में भी भारत आगे
भारत अपने नागरिकों को शिक्षित करने और उनके लिए रोजगार के नए अवसर तलाशने के लिए जीडीपी का बड़ा हिस्सा खर्च करता है। जबकि, पाकिस्तान इस मामले में भारत से काफी पीछे है। इसका असर दोनों देशों की साक्षरता दर में भी देखने को मिलता है। 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत शिक्षा पर जीडीपी का 4.1 फीसदी खर्च करता है। जबकि, पाकिस्तान अपनी जीडीपी का सिर्फ 1.9 फीसदी शिक्षा पर खर्च करता है।
साक्षरता दर में भी पाकिस्तान पिछड़ा
भारत और पाकिस्तान की साक्षरता दर में काफी अंतर है। आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में 15 साल से ऊपर के लोगों की साक्षरता दर करीब 80 फीसदी है। ये आंकड़े 2023 के हैं। वहीं, पाकिस्तान में 2021 में साक्षरता दर सिर्फ 58 फीसदी रही।
भारत में बेहतर स्वास्थ्य ढांचा
स्वास्थ्य ढांचे के मामले में भारत तेजी से उभर रहा है। यही वजह है कि दुनिया के कई देशों से लोग अब इलाज के लिए भारत आ रहे हैं। यहां तक कि भारत दुनिया में उभरता हुआ मेडिकल टूरिज्म वाला देश भी बन गया है। 2021 के आंकड़ों के अनुसार भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करता है, जबकि पाकिस्तान केवल 3.0 प्रतिशत खर्च करता है।
औसत आयु में भी पाकिस्तान पीछे
भारत ने जीवन प्रत्याशा दर में भी पाकिस्तान को काफी पीछे छोड़ दिया है। 1960 में आजादी के बाद भारत के लोगों की जीवन प्रत्याशा यानी औसत आयु 45.6 साल थी, जबकि पाकिस्तानियों की औसत आयु 44.1 साल थी। 2024 में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा दर 72.2 साल है, जबकि पाकिस्तान के लोगों की औसत आयु 67.8 साल है।