India News (इंडिया न्यूज), Pahalgam Terror Attack Viral Video: पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक के बाद एक दर्दनाक कहानी सामने आ रही है। मृतकों के परिजनों के माध्यम से हमें आतंक की क्रूर कहानी सुनने को मिल रही है। इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक बच्चा अपने साथ घठित हुई घटना के बारे में बता रहा है। सूरत के कथोर गांव निवासी शैलेश भाई कड़थिया जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए। बुधवार देर रात उनका पार्थिव शरीर सूरत पहुंचा और गुरुवार सुबह कथोर गांव स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। शैलेश के बेटे नक्श ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।

मृतक के पुत्र ने क्या कहा?

अंतिम संस्कार के बाद नक्श ने हमले का चश्मदीद गवाह मीडिया से साझा किया। हमले के चश्मदीद मासूम नक्श ने कहा, कश्मीर बहुत अच्छा है। हम पहलगाम गए थे, जहां घोड़े पर चढ़कर जाना होता है। हम घोड़े पर चढ़े थे, लेकिन 10-15 मिनट बाद आतंकी वहां आ गए। हम भागकर छिप गए, लेकिन आतंकियों ने हमें ढूंढ लिया। हमने दो आतंकियों को देखा। मासूम ने आगे कहा, ‘मुस्लिम अलग हो जाओ, हिंदू अलग हो जाओ।’ पुरुषों से कहा गया। हिंदू पुरुषों को गोली मार दी गई। फिर अचानक आतंकी वहां से चले गए।

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मम्मी और दीदी ने मुझे घोड़े पर बैठा दिया

इसके बाद बचे लोगों ने कहा कि सभी नीचे भागो, तो हम नीचे भागे। मम्मी और दीदी ने मुझे घोड़े पर बैठाया। वो दोनों पैदल नीचे आईं और मैं घोड़े पर आया।” नक्श ने आगे बताया, ”मुझे लगा कि हम बचेंगे नहीं, लेकिन हम बच गए। मम्मी पापा को छोड़कर नहीं जाना चाहती थीं, लेकिन हमें मजबूरन जाना पड़ा। आतंकी ‘कलमा-कलमा’ कह रहे थे। मुसलमान उनकी भाषा जानते थे। उन्होंने तीन बार ‘कलमा’ और ‘मुस्लिम’ कहा। जो हिंदू थे, उन्हें गोली मार दी गई। हमने दो आतंकी देखे। उस समय हम 20-30 लोग थे और दो-तीन फीट की दूरी से बात कर रहे थे। हमने भगवान को याद किया। इतना बड़ा आतंकी हमला हुआ, लेकिन नीचे आर्मी बेस को कुछ पता नहीं चला। ऊपर पहलगाम में आर्मी तैनात होनी चाहिए, चाहे दो-तीन जवान ही क्यों न हों। अब मैं कभी कश्मीर नहीं जाऊंगा।”

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