India News (इंडिया न्यूज), Bihar Patna: बिहार की राजधानी पटना से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जो चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही की नई मिसाल पेश करती है। पटना के कदम कुआं थाना क्षेत्र स्थित श्री अशोक हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज और यूट्यूब देखकर दवाइयां दी जाती हैं। इस लापरवाही के चलते शनिवार को एक बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि यह अस्पताल फर्जी है।


घटना का विवरण

बच्चे के परिजनों के अनुसार, उल्टी की शिकायत के बाद बच्चे को श्री अशोक हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में न तो पर्याप्त रोशनी थी और न ही किसी प्रकार की उचित चिकित्सकीय सुविधा। कथित डॉक्टर ने मोबाइल की रोशनी में बच्चे का इलाज शुरू किया। यूट्यूब देखकर दवाइयों का चयन किया गया। बच्चे की बिगड़ती हालत के बावजूद विशेषज्ञ चिकित्सकों को बुलाने का कोई प्रयास नहीं किया गया।

बच्चे के दादा ने पुलिस को दिए शिकायत पत्र में अस्पताल को फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि यहां फर्जी डॉक्टर और लैब टेक्नीशियन काम कर रहे हैं।

महाकुंभ जाने वालों से भरी ट्रेन पर शौचालय के गंदे पानी से हमला, Video में जलनखोर शख्स ने किया बड़ा पाप, देखकर आएगा गुस्सा


अस्पताल प्रबंधन की सफाई

घटना के बाद जब मामला गरमाया तो अस्पताल के डॉक्टर ने सफाई देते हुए कहा कि बच्चे का इलाज किया गया था। उन्होंने दावा किया कि बच्चा पहले से ही एचबीएसए पॉजिटिव बीमारी से ग्रस्त था और उसकी स्थिति बेहद खराब थी। हालांकि, डॉक्टर ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इलाज किसने किया और यूट्यूब देखकर दवा देने के आरोपों को खारिज कर दिया।


परिजनों का आक्रोश और पुलिस कार्रवाई

बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। पुलिस ने बच्चे का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के वक्त अस्पताल में मौजूद डॉक्टर, नर्स और प्रबंधन के लोग फरार हो गए। पुलिस ने फर्जी अस्पताल होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।

CCTV में कैद हुआ भूकंप का खौफनाक मंजर, Video देख निकल जाएंगी रूहें, सावधान! कमजोर दिल वाले न देखें…


स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल

यह घटना बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक ऐसे राज्य में, जहां पहले से ही स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर हैं, इस तरह की घटनाएं जनता के लिए घातक साबित हो रही हैं। क्या ऐसे अस्पतालों की निगरानी के लिए कोई सख्त कदम उठाए जाएंगे? फर्जी अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?


श्री अशोक हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर की यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को दर्शाती है। मोबाइल की रोशनी में इलाज और यूट्यूब देखकर दवाइयां देने जैसी घटनाएं मरीजों की जान के लिए खतरा हैं। प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए ऐसे फर्जी अस्पतालों पर रोक लगानी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा देनी चाहिए।

गली में लैला-मजनू कर रहे थे रोमांस, तभी ऊपर से होगी चप्पलों की बारिश, Video देखकर आप भी नहीं रोक पाएंगे अपनी हंसी