India News (इंडिया न्यूज), Ram Ramapati Bank : आज के समय में लगभग हर किसी के पास बैंक अकाउंट है। चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी। जरूरत पड़ने पर लोग लोन के लिए बैंक जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में भगवान राम से जुड़ा एक बैंक ऐसा भी है, जहां कागज पर राम का नाम लिखा जाता है और फिर उसे जमा किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये बैंक पिछले 98 सालों से वाराणसी में चल रहा है। इसके अलावा इस बैंक के लाखों खाताधारक भी हैं। लेकिन आज तक इस बैंक में एक भी रुपया जमा नहीं हुआ है।
यहां पैसे के रूप में पुण्य जमा किया जाता है और लोन के नाम पर यहां राम का नाम दिया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि इसे राम रमापति का बैंक कहा जाता है। ये वाराणसी के त्रिपुरा भैरवी में बना है, जो 98 सालों से चल रहा है। अगर आप बनारस में हैं तो इस बैंक को भी अपनी लिस्ट में शामिल कर सकते हैं।
बैंक में कर्मचारी भी करते हैं काम
राम रमापति बैंक में कर्मचारी भी होते हैं, जो आने वाले लोगों के खाते खोलने से लेकर अन्य प्रक्रियाएं पूरी करते हैं। इसके अलावा यहां सैकड़ों बैग हैं, लेकिन उनमें पैसे नहीं बल्कि राम नाम लिखे दस्तावेज हैं, जिनकी संख्या अरबों को पार कर चुकी है। अन्य बैंकों की तरह यहां भी ग्राहकों को फॉर्म भरना जरूरी है। इसके बाद ही बैंक में प्रवेश होता है। इस फॉर्म में सारे नियम लिखे होते हैं। जिसमें राम भक्त का नाम-पता होता है, राम नाम पर लोन लेने की वजह भरनी होती है, साथ ही मन्नत भी लिखनी होती है।
भारतीयों के अलावा यहां 10 फीसदी सदस्य विदेशी भी हैं। जानकारी के मुताबिक यहां ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दुबई आदि देशों से लोग आते हैं। नेपाल, सिंगापुर, इंग्लैंड, अमेरिका आदि देशों से भी लोग यहां सदस्य हैं।
क्या हैं राम रमापति बैंक के नियम?
भगवान राम से जुड़े इस बैंक के नियमों की बात करें तो यहां से लोन लेने वाले भक्त को 8 महीने 10 दिन तक लगातार 500 राम नाम लिखने होते हैं, इस तरह कोई भी व्यक्ति 250 दिन में 1.25 लाख बार राम नाम लिख सकेगा। इस दौरान भक्तों को केवल सात्विक भोजन ही करना होता है। मांस-मदिरा का सेवन वर्जित होता है, किसी की मृत्यु या बच्चे के जन्म के समय भोजन नहीं करना चाहिए. बचा हुआ खाना नहीं खाना चाहिए। इन सभी चीजों से परहेज करते हुए आपको रामनाम लिखना होता है। बैंक की तरफ से कागज, कलम सब कुछ मुफ्त दिया जाता है। आपको स्नान करने के बाद ही रामनाम लिखना होता है, उसके बाद आप अपनी सामान्य दिनचर्या में जा सकते हैं। जैसे ही 8 महीने और 10 दिन पूरे होते हैं, विधिवत पूजा-पाठ करके रामनाम बैंक में जमा कर दिया जाता है।
अब तक बैंक में इतनी राम नामावली जमा हुई
भक्तों को लोन के रूप में 1.25 लाख जय श्री राम का लोन दिया जाता है, जिसे आपको यानी रामभक्त को नियमानुसार चुकाना होता है. इसके लिए लोगों को बैंक की तरफ से ही किताब और कलम दी जाती है। भक्तों को मांस-मदिरा का सेवन किए बिना ब्रह्म मुहूर्त में यह बही भरनी होती है, ऐसा करने से रामनाम का ऋण पूरा करके उसे वापस बैंक में जमा करने पर ब्याज के रूप में मनोकामना पूरी होती है। अब तक बैंक में 19 अरब 39 करोड़ 59 लाख 25 हजार से अधिक राम नामावली जमा हो चुकी है। राम भक्त हर साल रामनवमी पर यहां अपना खाता खुलवाने आते हैं।
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