India News(इंडिया न्यूज), Ramadan 2025: इस्लाम धर्म का पवित्र महीना रमजान 1 मार्च से शुरू हो रहा है। इस्लाम धर्म को मानने वाले मुसलमान इस पवित्र महीने में रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। इस्लाम में यह महीना गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस पवित्र महीने में दूसरों की मदद करता है, अल्लाह उसे कई गुना ज्यादा सवाब देता है।

जिस तरह मुसलमान रमजान के महीने में रोजा रखते हैं, उसी तरह ईसाई भी 40 दिनों का कठिन व्रत रखते हैं, जिसे लेंट कहते हैं। यह समय प्रार्थना, उपवास और दान के लिए समर्पित होता है। आइए  इसके बारे में जानते हैं।

40 दिनों तक रहता है लेंट

ईसाई धर्म में ईस्टर से पहले के 40 दिनों को लेंट कहा जाता है। इसकी शुरुआत ऐश बुधवार से होती है और लेंट पवित्र गुरुवार को खत्म होता है। इस बार लेंट 5 मार्च बुधवार से शुरू होगा, जो 17 अप्रैल गुरुवार को खत्म होगा। 40 दिनों का यह समय ईसाइयों के लिए चिंतन, क्षमा मांगने और खुद को अध्यात्म की ओर ले जाने का होता है।

दिन में सिर्फ़ एक बार ही खाने की अनुमति

लेंट के दौरान ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों को बहुत ही अनुशासित जीवन जीना पड़ता है. यह प्रायश्चित का समय होता है. लेंट के दौरान उपवास रखने वाले लोगों को दिन में सिर्फ़ एक बार ही खाने की अनुमति होती है। इस दौरान धूम्रपान जैसी बुरी आदतों से दूर रहना पड़ता है। यह परंपरा ईसा मसीह के 40 दिनों तक जंगलों और रेगिस्तानों में रहने और उनके द्वारा झेले गए कष्टों पर आधारित है।

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हज़ारों सालों से मनाया जा रहा है लेंट

जानकारी के अनुसार, लेंट की शुरुआत कैथोलिक चर्च के 64वें नेता पोप ग्रेगरी ने 601 ई. में की थी। उस समय लेंट 46 दिनों का होता था, जिसमें 40 दिनों तक उपवास रखने की अनुमति थी। उस समय इस दौरान मांस खाना भी वर्जित था।

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