India News (इंडिया न्यूज), Chand And Eid Ul Fitr: जब भी ईद की बात होती है तो सेवइयां का जिक्र जरूर होता है। लेकिन उससे पहले ईद का चांद निकलता है, जो रमजान के 30वें रोजे के बाद दिखता है। ईद साल में दो बार मनाई जाती है। एक बार ईद उल फितर और एक बार ईद उल जुहा। ईद उल फितर को सिर्फ ईद भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ईद और चांद का क्या कनेक्शन है? आखिर क्यों हम चांद देखकर ही ईद मनाते हैं? आइए आपको बताते हैं।
2025 मने कब है ईद?
इस साल ईद 31 मार्च यानी सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन नए कपड़े खरीदे जाते हैं और दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलकर तोहफे दिए जाते हैं और सेवइयां खिलाई जाती हैं। इस दिन सभी लोग अपने मतभेद मिटाकर एक नया दिन और नए रिश्ते की शुरुआत करते हैं। ईद की सुबह लोग उठकर खुदा से दुआ करते हैं कि उन्हें पूरे महीने रोजे रखने की ताकत दे।
ईद और चांद की बात करें तो ईद उर्दू कैलेंडर हिजरी के हिसाब से मनाई जाती है। इस कैलेंडर का 9वां महीना रमजान होता है। इसके बाद दसवां महीना शव्वाल शुरू होता है, जिसके पहले दिन ईद मनाई जाती है। यहां हर महीने की शुरुआत चांद दिखने के बाद होती है।
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क्या है चांद का कनेक्शन?
नया महीना तब शुरू होता है जब नया चांद दिखाई देता है। हिजरी संवत चांद पर आधारित कैलेंडर है। हिजरी कैलेंडर की शुरुआत इस्लाम की एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक घटना मानी जाती है, जब हजरत मोहम्मद मक्का से मदीना चले गए थे। इस कैलेंडर के अनुसार, अगर महीने का पहला चांद नहीं दिखाई देता है, तो माना जाता है कि रमजान का महीना खत्म होने में कुछ समय बाकी है और अगले दिन ईद मनाई जाती है।
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