India News (इंडिया न्यूज), Discoveries Of Swiss Scientists : दुनिया में आज भी कई ऐसे रहस्य छिपे हुए हैं, जिनके बारे में हमें बिलकुल भी खबर नहीं है। वैज्ञानिक ऐसे ही रहस्यों को खोजने और उनसे पर्दा उठाने पर काम करते रहते हैं। अब इसी कड़ी में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। असल में वैज्ञानिकों को समुद्र के अंदर ऐसा खज़ाना मिला है, जो दूसरी दुनिया की ओर इशारा करता है। दुनिया जिस रहस्य से अनजान थी, वो प्रशांत महासागर के नीचे स्विस वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां जो कुछ भी मिला है वो 4 बिलियन साल यानि 4 अरब वर्ष पुराना है, जो पूरी दुनिया को आश्चर्यचकित करने के लिए काफी है।
ऐसा माना जा रहा है कि इस रहस्यमय जगह का निर्माण लगभग 4 अरब वर्ष पहले पृथ्वी के मेंटल के निर्माण के दौरान हुआ होगा। जब पृथ्वी का मेंटल बन रहा था, तभी बड़े-बड़े धब्बे बने होंगे, जो क्रस्ट की तरह मौजूद हैं। फिलहाल अभी तक वैज्ञानिक इस खोज की वास्तविक पहचान और इसके लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए हैं। उनके मुताबिक यह अरबों वर्षों में पृथ्वी के अंदर घने पदार्थ के निर्माण का परिणाम भी हो सकते हैं।
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कैसे हुई इस जगह की खोज?
वैज्ञानिकों ने जानकारी देते हुए बताया है कि यह आश्चर्यजनक खोज पृथ्वी के आंतरिक भाग की मैपिंग करने वाली एक नई विधि के ज़रिये संभव हुई है। यह जलमग्न दुनिया अब तक मिले सबडक्टेड स्लैब से बिल्कुल ही अलग है। ये उस जंक्शन से दूर है, जहां पृथ्वी के टेक्टोनिक प्लेट्स टकराते हैं और भूकंप की स्थिति बनती है, हालांकि ये उसी प्वाइंट पर है।
शोधकर्ताओं की माने तो यह पृथ्वी पर एक नया ‘डूबा हुआ संसार’ है। इस जगह की संरचना वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बनी हुई है। ये खोज पृथ्वी के आंतरिक भाग के उच्च-रिज़ॉल्यूशन मॉडलिंग के ज़रिये संभव हुई। इसमें स्विटजरलैंड के लूगानो स्थित स्विस नेशनल सुपरकंप्यूटिंग सेंटर के “पिज़ डेंट” सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया है। इसकी मदद से भूकंपीय मान को जोड़ कर का हाई क्वालिटी का डिटेल इमेज तैयार करता है।
जांच में मिलेगी अहम जानकारी
शोधकर्ताओं को डूबे हुए संसार के ज़रिये धरती की प्रारंभिक उत्पत्ति से लेकर भविष्य के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी। स्विस जियोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के पीएचडी शोधकर्ता थॉमस के मुताबिक ये खोज बेहद महत्वपूर्ण है लेकिन इस पर गहराई से शोध और आगे जांच की ज़रूरत है। इससे पृथ्वी की उत्पत्ति के संबंध में अनुसंधान के नए अवसर खुल गए हैं।