India News (इंडिया न्यूज), Sudden Water Surge in Kullu Kills Tourist: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में गुरुवार को पार्वती हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (बरशैणी डैम) से बिना चेतावनी के अचानक पानी छोड़े जाने से एक बड़ा हादसा हो गया। कसोल के पास पार्वती नदी के किनारे टहल रहे दो पर्यटक पानी के तेज बहाव में बह गए। इनमें से 35 वर्षीय प्रशांत चौरसिया, जो आजमगढ़, उत्तर प्रदेश के निवासी थे, का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि दूसरे पर्यटक की तलाश जारी है।
घटना का विवरण
पार्वती नदी का जल स्तर गुरुवार दोपहर अचानक बढ़ गया, जिससे दोनों पर्यटक संभल नहीं सके। स्थानीय निवासियों ने उन्हें बहते देखा और तुरंत पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को सूचित किया।
मणिकरण पुलिस, होम गार्ड, आपदा प्रबंधन दल और स्थानीय बचाव टीम ‘द लिटिल रेवल’ ने संयुक्त रूप से राहत कार्य शुरू किया। काफी प्रयासों के बाद प्रशांत चौरसिया का शव नदी के एक टापू से बरामद हुआ। कुल्लू के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) अश्विनी कुमार ने बताया कि दूसरे व्यक्ति की तलाश अभी जारी है।
मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
इस हादसे के बाद यह जांच शुरू की गई है कि पानी छोड़ने से पहले उचित चेतावनी दी गई थी या नहीं। एडीएम अश्विनी कुमार ने कहा कि कुल्लू के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दिनभर में कई बार बिना किसी सूचना के पानी छोड़ा गया। नियमों के अनुसार पानी छोड़ने से दो दिन पहले सूचना देना अनिवार्य है, लेकिन यह प्रोटोकॉल उल्लंघन किया गया।
बचाव दल ने उठाए सवाल
बचाव टीम ‘द लिटिल रेवल’ के प्रबंध निदेशक शिवराम ने बताया कि हादसे के समय नदी किनारे कई पर्यटक मौजूद थे। अधिकांश लोग ऊंचाई पर चले गए, लेकिन दो लोग बच नहीं सके। उन्होंने डैम अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की अपील की।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और कानूनी कार्रवाई की मांग
कुल्लू के विधायक और विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (SADA) के अध्यक्ष सुंदर सिंह ठाकुर ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर एनएचपीसी के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने इसे “आपराधिक लापरवाही” करार देते हुए सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
ठाकुर ने इस घटना को जुलाई 2024 में हुई एक अन्य घटना से जोड़ा, जब बिना चेतावनी पानी छोड़े जाने से सैंज में 30 से अधिक घर और 40 दुकानें बर्बाद हो गई थीं। उन्होंने कहा कि यह घटना डैम सेफ्टी मैनुअल, आपदा प्रबंधन दिशानिर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का स्पष्ट उल्लंघन है।
आगे की कार्रवाई
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर जल प्रबंधन और सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक नेताओं ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।