India News (इंडिया न्यूज), Earth extinction predictions: दुनिया के अंत को लेकर सालों से कई तरह के दावे किए जाते रहे हैं। वैज्ञानिकों से लेकर भविष्यवक्ताओं तक, हर कोई हर दिन धरती पर होने वाले विनाश को लेकर भविष्यवाणी करता रहता है। इन सबके बीच अब एक नया दावा किया गया है, जो बेहद डरावना है। ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के एक सुपरकंप्यूटर सिमुलेशन ने दिखाया है कि 250 मिलियन साल बाद धरती इंसानों समेत सभी स्तनधारी जीवों के रहने लायक नहीं रहेगी। इसका मतलब है कि धरती से जीवन खत्म हो जाएगा। धरती पर जीवन खत्म होने की वजह अत्यधिक गर्मी, ज्वालामुखी विस्फोट और गर्म महाद्वीप होंगे।
वैज्ञानिकों ने देखा धरती का भविष्य?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने धरती का भविष्य दिखाया है। उन्होंने यह काम सुपरकंप्यूटर सिमुलेशन के जरिए किया है। इसमें दिखाया गया है कि आने वाले 250 मिलियन सालों में धरती के सभी महाद्वीप मिलकर एक नया महाद्वीप पैंजिया अल्टिमा बनाएंगे। इससे धरती का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाएगा।
ज्वालामुखी से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड और सूरज की तेज गर्मी हालात को और खराब कर देगी। इससे धरती ऐसी हो जाएगी कि नमी बढ़ने से पसीना नहीं सूखेगा, जिससे इंसान लड़ नहीं पाएगा। इस स्थिति में सिर्फ ध्रुवीय और तटीय इलाके ही रहने लायक रह जाएंगे।
फटेंगे ज्यालामुखी
रिपोर्ट में कहा गया है कि पैंजिया अल्टिमा महाद्वीप इतना बड़ा भूभाग होगा कि यह समुद्र के प्रभाव को कम कर देगा। धरती के तापमान को नियंत्रित करने में समुद्र की अहम भूमिका होती है। इससे धरती की सतह बहुत गर्म हो जाएगी। इसके साथ ही ज्वालामुखियों की गतिविधियां भी बढ़ेंगी। इससे वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी। इससे ग्रीनहाउस प्रभाव बढ़ेगा और गर्मी और बढ़ेगी। तेज धूप के कारण यह और बढ़ेगी, जिससे धरती आग के गोले में तब्दील हो जाएगी।
अध्ययन में कहा गया है कि धरती का 92 फीसदी हिस्सा रहने लायक नहीं रहेगा। ध्रुवीय और तटीय इलाकों में ही जीवन संभव हो सकता है। इस शोध में शामिल डॉ. एलेक्जेंडर फर्न्सवर्थ ने कहा कि स्तनधारियों के लिए यह तिहरी मार साबित होगी। उनके लिए अत्यधिक गर्मी, नमी और ज्वालामुखी विस्फोट जानलेवा हालात पैदा करेंगे।
जिंदा रहने के लिए करना होगा ये काम
डॉ. एलेक्जेंडर ने कहा कि इस स्थिति में इंसानों को जिंदा रहने के लिए गर्मी सहने की क्षमता विकसित करनी होगी या फिर तकनीक की मदद लेनी होगी। यह भी संभव है कि भविष्य में इंसान जमीन के नीचे शहर बना ले। इससे उन्हें गर्मी से बचने में मदद मिलेगी और फिर रेगिस्तानी जानवरों की तरह रात में ही बाहर निकल पाएंगे। विशेषज्ञ डॉ. हन्ना डेविस का मानना है कि जीवन किसी न किसी रूप में जारी रहेगा। उनका मानना है कि बड़े पैमाने पर विनाश की संभावना है, लेकिन जीवन कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेगा।
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