India News (इंडिया न्यूज), Supermassive Black Hole: वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में ‘सबसे रहस्यमय’ और बड़े ब्लैक होल की खोज की है। यह ब्लैक होल 12.9 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। यानी इसका प्रकाश तब निकला जब ब्रह्मांड केवल 800 मिलियन वर्ष पुराना था। वैज्ञानिकों को इस ब्लैक होल के आसपास मौजूद गर्म गैस से रेडियो सिग्नल मिले हैं। यह खोज बेहद खास है क्योंकि इससे छिपे हुए ब्लैक होल को समझने में मदद मिल सकती है।
यह अध्ययन नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित हुआ है और यह अब तक का सबसे विस्तृत अध्ययन है, जिसमें शुरुआती ब्रह्मांड में मौजूद किसी ब्लैक होल के पास आणविक गैस देखी गई है। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ताकाफुमी त्सुकुई ने कहा, “यह खोज हमें यह समझने में मदद करेगी कि शुरुआती ब्रह्मांड में छोटे बीजों से ब्लैक होल कैसे सुपरमैसिव ब्लैक होल में बदल जाते हैं।”
J2310 – ब्रह्मांड का प्राचीन राक्षस
यह ब्लैक होल J231038.88+185519.7 (J2310) नामक गैस में छिपा हुआ था। वैज्ञानिकों ने पहले ही इसकी पहचान क्वासर के रूप में कर ली थी। क्वासर चमकीले पिंड होते हैं जो सुपरमैसिव ब्लैक होल से ऊर्जा प्राप्त करके चमकते हैं। लेकिन इतने चमकीले होने के बावजूद इन्हें देख पाना आसान नहीं है।
इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने अटाकामा लार्ज मिलीमीटर ऐरे (ALMA) टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया, जो चिली में स्थित है। इसकी मदद से पहली बार वैज्ञानिकों को ब्लैक होल के बेहद करीब मौजूद गैस को देखने का मौका मिला।
ब्लैक होल 4 अरब सूर्य के बराबर!
अध्ययन के अनुसार, यह सुपरमैसिव ब्लैक होल हमारे सूर्य से 2 से 4 अरब गुना भारी हो सकता है! त्सुकुई बताते हैं, “ब्लैक होल के आसपास मौजूद पदार्थ से तेज़ एक्स-रे विकिरण निकलता है, जिससे ज़बरदस्त गर्मी पैदा होती है। इसके अलावा तेज़ हवाओं और शॉक वेव्स की वजह से गैस इतनी गर्म हो जाती है कि यह सामान्य आकाशगंगाओं में दिखने वाली ऊर्जा से ज़्यादा ऊर्जावान होती है।”
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‘छिपे हुए’ ब्लैक होल को खोजने का नया तरीका
वैज्ञानिकों का मानना है कि कई सुपरमैसिव ब्लैक होल धूल और गैस में छिपे हुए हैं और अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है। लेकिन ALMA से मिलने वाले रेडियो सिग्नल इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। सुकुई कहते हैं, “एएलएमए द्वारा देखी गई रेडियो तरंगें धूल द्वारा आसानी से अवशोषित नहीं होती हैं, जिससे हमारी तकनीक ‘छिपे हुए’ सुपरमैसिव ब्लैक होल्स को खोजने का एक शक्तिशाली तरीका बन जाती है।”