India News (इंडिया न्यूज़), Surrogacy Law in India, नई दिल्ली: बहुत से ऐसे विवाहित जोड़ें (Married Couples) हैं जो माता पिता बनने की चाहत तो रखते हैं लेकिन मेडिकल कारणों की वजह से बन नहीं पाते. ऐसे में कुछ लोग बच्चे को गोद लेने का फैसला लेते है, तो वहीं कुछ लोग अब सरोगेसी को अपनाते हैं.

भारत में अक्सर सरोगेसी का मुद्दा उठते रहता है. इसे लेकर बहुत ज्यादा लोगों के बीच कन्फ्यूजन भी है. कुछ लोगो को लगता है सेरोगेसी ही पूरे देश में गैरकानूनी है वहीं कुछ लोग इसके बारे में कुछ जानते ही नहीं है. तो चलिए इस कन्फ्यूजन को हमेशा- हमेशा के लिए दूर करते हैं और कानून पर नजर डालते है .

सरोगेसी क्या है

आसान शब्दों में कहा जाय तो स्थानापन्न मातृत्व (Surrogacy) वो प्रक्रिया है जिसमें दूसरी महिला शादी-शुदा जोड़े के लिए अपने गर्भ में उनका बच्चा पालती है और उसे जन्म देती है. जिसे आम भाषा में किराए की कोख भी कहा जाता हैं. यानी जब एक मैरिड कपल किसी अन्य महिला की कोख से अपने शिशु को जन्म देते हैं तो इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहते हैं. जो महिला सरोगेसी के जरिए शिशु जन्म देती है उसे सरोगेट मदर (Surrogate Mother) और जन्म लेने वाले शिशु को सरोगेट चाइल्ड (Surrogate Child) कहा जाता है.

सरोगेसी प्रक्रिया

सरोगेसी में माता-पिता के शुक्राणु और अंडों को इच्छुक महिला (जो कि गर्भ धारण करती है) द्वारा कंसीव किया जाता है. फुल सरोगेसी में महिला के शरीर में भ्रूण इंप्लांटिंग प्रोसेस होता है. इस प्रोसेस में भ्रूण अंडे और माता-पिता के शुक्राणु से बनता है. कई स्थितियों में डोनर द्वारा दान किया गया फर्टिलाइज्ड अंडा भी हो सकता है.

सरोगेसी का कानून

सरोगेसी विनियमन अधिनियम (Surrogacy Regulation Act), 2021 में सरोगेसी प्रक्रिया से जुड़े कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं. इस अधिनियम के धारा दो में दो तरह के सरोगेसी का जिक्र है. पहला है परोपकारी सरोगेसी जिसे धारा 2(b) में बताया गया है तो वहीं व्यावसायिक सरोगेसी का धारा 2(g) में जिक्र है.

 1. परोपकारी सरोगेसी

यह एक ऐसा सरोगेसी है जिसे अगर आप इस्तेमाल करते हैं तो आप कानूनन गलत नहीं होंगे. यानी आप गुनहगार नहीं माने जाएंगे. चलिए इसे समझते हैं. इस तरह के सरोगेसी प्रक्रिया में सरोगेट मदर को केवल चिकित्सा व्यय, बीमा कवरेज और अन्य निर्धारित खर्च दिए जाएंगे; उन्हें किसी भी प्रकार का कोई शुल्क, व्यय, फीस, पारिश्रमिक या मौद्रिक प्रोत्साहन नहीं मिलेगा. यह भारत में लीगल है

 2. व्यावसायिक सरोगेसी

अब आता है वो सरोगेसी जिसको लेकर लोगों में कई तरह के सवाल उठते रहते हैं. अगर इस सरोगेसी का रास्ता आप अपनाते हैं तो आपको सजा हो सकती है. जानते हैं क्यों. इसके नाम से ही पता चल रहा है कि आखिर यह क्यों अपराध है. इस तरह के सरोगेसी प्रक्रिया के तहत सरोगेट मदर को चिकित्सा व्यय, बीमा कवरेज और अन्य निर्धारित खर्च के अलावा भी कई तरह का आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाता है, यह एक तरह से सरोगेसी का व्यवसायीकरण है और यह भारत में अवैध और एक दंडनीय अपराध है

सरोगेसी के नियम

उम्र सीमा (Age Limit for Surrogacy):  इस अधिनियम के धारा 4 में यह बताया गया है कि यदि कोई कपल सरोगेसी करवाना चाहता है तो महिला की उम्र 23 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए और पुरुष 26 से 55 वर्ष के बीच की आयु के होना चाहिए

 भारतीय नागरिक होना अनिवार्य: दंपत्ति को शादी किए हुए कम से कम पांच साल पूरे हो जाने चाहिए और दोनों का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है

 पहले से कोई बच्चा नहीं होना चाहिए: इच्छुक जोड़े का पहले से कोई बच्चा नहीं होना चाहिए (इसमें एक अपवाद है कि यदि बच्चा किसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है जिसका कोई इलाज नहीं है, तो ऐसे बच्चे के माता-पिता सरोगेसी को चुन सकते हैं)

सरोगेट मदर की एलिजिबिलिटी

सरोगेट मदर का एक शादीशुदा होना जरूरी, उम्र 25 साल से 35 साल के बीच होनी चाहिए, महिली का पहले से अपनी संतान हो, मानसिक रोग विशेषज्ञ द्वारा प्रमाणित हो कि महिला मानसिक रूप से स्वस्थ है

महिली की मंजूरी जरुरी

अधिनियम की धारा 6 के तहत जो भी महिला सरोगेट मदर बनना चाहती उन्हें मंजूरी लिखित रूप में देनी होगी और उन्हें यह बताया जाएगा कि बच्चे को जन्म देने के उन्हें क्या साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं

Surrogacy Mother के अधिकार

धारा 7 के तहत जन्म के बाद यदि बच्चे में कोई डिफेक्ट होता है या इच्छुक जोड़ा बच्चे के लिंग से खुश नहीं होते हैं; किसी भी हाल में बच्चे को वो लेने से इनकार नहीं कर सकता, कोई भी शख्स एक सरोगेट मदर से बच्चा गिराने के लिए जबरदस्ती नहीं करेगा

गैरकानूनी सरोगेसी पर सजा

सरोगेट मदर के साथ शोषण नहीं किया जाएगा और उनके होने वाले बच्चे को बेचना अपराध है, इसके लिए 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और कम से कम दस साल की जेल की सजा हो सकती है

अस्पतालों और क्लिनिक के लिए कानून

धारा तीन के तहत सरोगेसी की प्रक्रिया सिर्फ पंजीकृत  अस्पतालों और क्लिनिक में पूरी की जाएगी,  जो भी  सरोगेसी करेगा, वो इसके योग्य और स्पेशलिस्ट हो, सरोगेसी में अबॉर्शन सिर्फ सरोगेट मदर और संबंधित प्राधिकरण की रजामंदी से होगा,  सरोगेसी के लिए किसी भी हाल में मानव भ्रूण को प्रिजर्व करके नहीं रखा जाएगा

इन सेलिब्रिटीज ने भी कराया सरोगेसी

बॉलीवुड के कई ऐसे जाने माने सेलेब्स हैं जो सरोगेसी के माध्यम से माता पिता बने. इस लिस्ट में शाहरुख खान, प्रियंका चोपड़ा, शिल्पा शेट्टी चोपड़ा और फराह खान, सोहेल खान और सीमा, जैसे कई ऐसे जाने माने चेहरे हैं जिन्होंने सरोगेसी का रास्ता अपनाया है. पहले था कि लोग इसके बारे में बात करने पर कतराते थे लेकिन अब धीरे धीरे लोग इस पर खुल कर बात कर रहे हैं और लोगों में जागरुकता भी आ रही है. कई बार लोग इस कारण भी सरोगेसी का रास्ता अपनाते हैं क्योंकि बच्चा गोद लेने का जो कानून है हमारे देश में उसके अनुसार लगभग पांच साल का वक्त लग जाता है. हालांकि अब नियमों में कुछ बदलाव भी किए गए हैं.

 

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