India News(इंडिया न्यूज), Tanzanian Man Family: तंजानिया के नजॉम्बे गांव में रहने वाले 86 वर्षीय मज़े एर्नेस्टो मुइनुची कपिंगा का परिवार किसी आश्चर्य से कम नहीं। उनके परिवार में कुल 268 सदस्य हैं, जिनमें 16 पत्नियां, 104 बच्चे और 144 पोते-पोतियां शामिल हैं। यह परिवार अपनी अनोखी जीवनशैली और संगठित व्यवस्था के कारण चर्चा में रहता है।
कैसे बना इतना बड़ा परिवार?
कपिंगा की पहली शादी 1961 में हुई थी और एक साल बाद उनके घर पहला बच्चा आया। लेकिन उनके पिता चाहते थे कि उनका परिवार और बड़ा हो। उन्होंने बेटे को और शादियां करने के लिए प्रोत्साहित किया और यहां तक कि दहेज देने में भी मदद की। इस पारिवारिक परंपरा के चलते कपिंगा ने कुल 20 शादियां कीं। हालांकि, समय के साथ कुछ पत्नियां अलग हो गईं और कुछ का निधन हो गया, लेकिन वर्तमान में उनके साथ 16 पत्नियां हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उनकी 16 पत्नियों में 7 सगी बहनें भी शामिल हैं। इन बहनों ने कपिंगा की ईमानदारी और न्यायप्रिय स्वभाव को देखते हुए उनसे शादी करने का फैसला किया।
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कैसे चलता है इतने बड़े परिवार का जीवन?
इतने बड़े परिवार में शांति बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं, लेकिन कपिंगा का घर शांतिपूर्ण तरीके से चलता है। हर पत्नी का अपना अलग घर और रसोई है, जिससे किसी भी तरह की जलन या विवाद की संभावना कम हो जाती है। परिवार का खर्च चलाने के लिए सभी सदस्य मिलकर खेती करते हैं। वे मक्का, सेम, शकरकंद और केले जैसी फसलें उगाते हैं, जिससे उनकी खाद्य ज़रूरतें पूरी होती हैं। इसके अलावा, वे पशुपालन भी करते हैं, जिससे दूध और अन्य ज़रूरी सामान मिलता है। जो भी अतिरिक्त अनाज और फल होते हैं, उन्हें बाज़ार में बेच दिया जाता है या ज़रूरत की अन्य चीजों से बदला जाता है।
क्या कहती हैं कपिंगा की पत्नियां?
कपिंगा की पत्नियां उन्हें एक न्यायप्रिय और समझदार पति मानती हैं। वे कहती हैं कि वह कभी किसी पर अपनी राय नहीं थोपते, बल्कि सभी की बातें ध्यान से सुनते हैं। यदि घर में किसी तरह का विवाद होता है, तो पहले पत्नियां खुद आपस में सुलह करने की कोशिश करती हैं। अगर हल नहीं निकलता, तो कपिंगा खुद फैसला करते हैं, जिसे सभी सहजता से स्वीकार कर लेते हैं।
परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी
कपिंगा स्वीकार करते हैं कि कभी-कभी उन्हें अपने सभी बच्चों और पोते-पोतियों के नाम याद नहीं रहते, लेकिन जब वे चेहरा देखते हैं, तो पहचान लेते हैं। हालांकि, इतने बड़े परिवार को संभालना आसान नहीं है। अब तक उन्होंने अपने 40 बच्चों को बीमारी और दुर्घटनाओं में खो दिया, लेकिन इसके बावजूद उनका परिवार खुशहाल बना हुआ है। कपिंगा का कहना है, “मेरी पत्नियां ही इस परिवार की असली ताकत हैं। मैं तो बस इसे सही दिशा दिखाने के लिए हूं।”
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