India News (इंडिया न्यूज), Teenager Girl Kept Crying In Crowd: व्यक्ति को हमेशा अपने घर और परिवार के साथ ही सुख दुःख बांटते हुए अच्छा लगता है। एक यह ही वो स्थान होता है जहां से इंसान को सबसे ज्यादा उम्मीदें होती हैं। जब किसी को हर जगह से धोखा मिलता है तो वह अपनी माँ को याद करता है और उसी का सहारा चाहता है। दरअसल अनिरुद्धाचार्य महाराज के पंडाल में एक 14 साल की बच्ची ने रो-रो का अपनी मां और बड़े भाई के बारे में एक ऐसा सच बताया जिसे जानकार वहां मौजूद हर व्यक्ति चौंक गया। जैसे ही इस ही 9वीं क्लास में पढ़ने वाली बच्ची को माइक दिया गया इसने गुरु जी से कहा कि, ‘मैं जिन्दा नहीं रहना चाहती मैं मरना चाहती हूं गुरुजी, मैं नहीं जीना चाहती, ना ही मैं किसी भी लायक हूं…’ ये सभी शब्द कहते ही बच्ची बिना रुके तेज-तेज रोने लगती है। इस दौरान इस बच्ची ने अनिरुद्धाचार्य महाराज के सामने जो बातें कहीं वह सब आपको जरूर जाननी चाहिए।
बच्ची ने जताई मरने की इच्छा
आपको बता दें कि अनिरुद्धाचार्य महाराज के पंडाल में आई यह 14 साल की बच्ची बिहार की रहने वाली थी और अभी बेंगलुरु में रहती है। ये बच्ची माइक थामते ही गुरुजी से मरने की बात कहने लगी। उसने बोला, ‘मेरा सवाल ये है कि गुरुजी मैं ज़िंदा नहीं रहना चाहती मैं मरना चाहती हूं’, जब गुरु जी ने उससे इसकी वजह जाननी चाही तो बच्ची ने कहा, ‘मैं अपनी ही मां को खुश नहीं रख पाती हूँ, न ही मैं अपने पिता को खुश रख पाती हूँ, इसके साथ ही न ही मैं अपने भाई, दोस्तों, या किसी को भी खुश नहीं कर सकती हूँ। मैं बहुत बुरी इंसान हूं।’
वजह जानने पर उसने बताया कि , ‘मैं पढ़ाई करना चाहती हूं लेकिन मुझे कुछ भी समझ में नहीं आता है।’ उसने बताया कि, ‘मैंने खुद ने कई बार मरने का प्रयत्न किया है। मैं कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाती हूँ।’ यह लड़की आगे कहती बताती है कि यदि वह कोई भी काम करती है तो वह उसे ठीक तरह से नहीं कर पाती है। लड़की ने आगे बताया कि, जब कभी भी मां मुझे कोई काम करने के लिए देती है तो वह मुझे याद ही नहीं रहता है। जिसके बाद मुझे डांट पड़ जाती है। वह बताती है कि उसके भाई को भी उस पर बहुत शक होता है। इसके साथ ही वह किसी से भी बात नहीं कर सकती क्योंकि उसे इसकी इजाजत ही नहीं है, ना ही उसका कोई भी दोस्त है।’ इसके बाद गुरुजी ने उस लड़की की मां और भाई को यह बात समझे कि आप लोग उस लड़की से प्यार से बात करें और उसे परेशान न करें।
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यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी
आजकल के बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य चिंताजनक होता जा रहा है, और एक 14 साल की लड़की का मरने की बात करना इसका खौ़फनाक उदाहरण है। यह घटना हमारे समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों के मानसिक संघर्षों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। बच्चे अपनी शारीरिक बढ़त के साथ-साथ मानसिक रूप से भी कई बदलावों से गुजरते हैं, लेकिन अक्सर वे अपने परिवार से उतनी समझ और समर्थन नहीं प्राप्त कर पाते, जितना उन्हें चाहिए।
बच्चों की बिगड़ रही मानसिक हालत
यह लड़की अपनी परेशानियों को साझा करते हुए बताती है कि उसके बड़े भाई ने उसे डांटते हुए यह आरोप लगाया कि वह रात में डरावने वीडियो गेम खेलती है। यह गेम्स उसकी मानसिक स्थिति को और बिगाड़ रहे थे, जिसके चलते वह सो नहीं पा रही थी और डर और भ्रम की स्थिति में रहती थी। इससे साफ है कि आज के बच्चे इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए ऐसी चीजों से रूबरू हो रहे हैं, जो उनकी उम्र के लिहाज से उपयुक्त नहीं होतीं।
बच्चों की मानसिक स्थिति पर तकनीक का गहरा असर
इससे यह भी सिद्ध होता है कि बच्चों को समझाने की बजाय, उन्हें साथ देने और मार्गदर्शन देने की जरूरत है। बच्चों की मानसिक स्थिति पर तकनीक का गहरा असर पड़ रहा है, जो एक गंभीर समस्या बन चुका है। आज के समाज में, जहां डिजिटल कंटेंट और सोशल मीडिया का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है, यह बेहद जरूरी है कि हम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।