Zakir Husain Birthday: अपनी अंगुलियों की थाप से जादू का संसार बना देने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन का आज जन्मदिन है उस्ताद अपने तबले से इस कदर जादू विखेरते कि लोग उनके इस जादू से अपना सुध-बुध सब खो बैठते हैं। जाकिर ने देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपनी कला का परचम लहराया है। बता दें कि यह कला उन्हें विरासत में मिली क्योंकि उनके पिता अल्ला रक्खा खान भी एक मशहूर तबला वादक हुआ करते थे। तो आइये जानते है तबला सुल्तान जाकिर हुसैन के बारे में कुछ खास बातें…
इस तरह बदली हुसैन की जिंदगी
जाकिर हुसैन ने महज तीन साल की उम्र में ही पखावज बजाना सीख लिया था। इसके बाद जाकिर पहले ऐसे भारतीय संगीतकार बने जिन्हें ‘ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट’ में भाग लेने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। फिर उनके जिंदगी में ऐसा मोड़ आया कि साल 1973 में उनका पहला एलबम ‘लिविंग इन द मटीरियल वर्ल्ड’ लॉन्च हुआ था। जिसमें उन्हें लोगों का खुब सारा प्यार मिला।
कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हुसैन
जाकिर हुसैन को पद्म श्री, पद्म विभूषण और संगीत नाटक अकादमी जैसे कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। साल 1992 में ‘द प्लेनेट ड्रम’ और 2009 ‘ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट’ के लिए 2 ग्रैमी अवार्ड भी मिले। जाकिर हुसैन बिल लाउसवैस के ग्लोबल म्यूजिक सुपरग्रुप ‘तबला बीटसाइंस’ के संस्थाक सदस्य भी है। अपने तबला वादन से जाकिर हुसैन विश्वभर में भारत का मान बढ़ाया है। और शास्त्रीय संगीत में दिए गए उनके अमूल्य योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।
5 रुपये उनके जीवन का बना कीमती तोहफा
एक इंटरव्यू में जाकिर ने बताया था कि जब वो 12 साल के थे तो एक बार अपने पिता के साथ एक कॉन्सर्ट में गए हुए थे,जहां संगीत की दुनिया के कई बड़े – बड़े दिग्गज मौजूद थे। स्टेज पर मौजुद एक ने उस्ताद जाकिर हुसैन को स्टेज पर बुलाया और अल्ला रक्खा खान का बेटा होने के नाते उन्होंने हुसैन को 5 रुपये भी दिये गये जो उनके लिए वह सबसे कीमती तोहफा रहा ।
शिक्षिका से की शादी
बता दे कि जाकिर हुसैन ने अन्टोनिया मिन्नेकोला मे शादी रचाई। उनकी पत्नी अन्टोनिया कत्थक नर्तकी और शिक्षिका थी। शादी के बाद उन्हें दो बेटियां हुई जिनका नाम अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी है।