India News (इंडिया न्यूज), World Most Dangerous Tribes : आज के समय में जहां एक तरफ दुनिया तेजी से डिजिटल और मॉडर्न टेक्नोलॉजी की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन अभी भी ऐसी कई जगह हैं जहां पर लोगों को आदिम युग में जी रहे हैं। अब इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसी जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं। जो अपनी रहस्यमयी परंपराओं और विचित्र रीतियों के लिए जानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि वे अपने मारे गए दुश्मनों का मांस और मस्तिष्क खाते हैं, क्योंकि उनकी मान्यता है कि इससे उनके पूर्वजों की आत्माओं को शक्ति मिलती है। इस जनजाति का नाम असमत जनजाति है। इस जनजाति के लोग इंडोनेशिया के दक्षिण पापुआ प्रांत में प्रवास करते हैं।

असमत जनजाति का इतिहास

असमत जनजाति की खोज पहली बार 1623 में यूरोपीय लोगों ने की थी, लेकिन 1950 के दशक तक यह बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटी रही। बता दें कि पापुआ प्रांत घने मैंग्रोव जंगलों, दलदलों और घने वर्षावनों से घिरा हुआ क्षेत्र है। इस जनजाति की खासियत यह है कि इन्होंने आज भी अपनी पुरानी परंपराएं और अनुष्ठानिक रीति-रिवाजों को जिंदा रखा है। इनमें सबसे ज्यादा डराने वाली प्रथा है नरभक्षण। इनके लिए यह केवल भोजन का साधन नहीं, बल्कि परंपरा भी है जो सदियों से निभाते आ रहे हैं।

इतिहास के पन्नों में इन 5 तवायफों को मिला अलग मुकाम, आज भी लिया जाता है इज्जत से नाम, शानो-शौकत और हुकूमत की कहनी सुन आ जाएंगे आंसू

इंसानी मांस का करते हैं सेवन

आपको जानकर हैरानी होगी कि असमत जनजाति के लोग न केवल इंसानी मांस खाते हैं, बल्कि वे अपने दुश्मनों की खोपड़ी को साफ करके उसे सजावट के रूप में अपने घरों में रखते हैं। ये लोग मानते हैं कि ऐसा करने से मृतक की आत्मा उनकी रक्षा करती है और उन्हें ताकत देती है। नरभक्षण की इस प्रक्रिया में वे मरे हुए दुश्मनों के शरीर के हिस्सों को साबूदाने में मिलाकर ताड़ के पत्तों में लपेटते हैं और फिर आग में भूनकर खाते हैं। यह उनके पारंपरिक भोजन का एक हिस्सा माना जाता है। इसके अलावा, दुश्मनों के खून का उपयोग लकड़ी की मूर्तियों को चमकाने के लिए किया जाता है।

इसके अलावा असमत जनजाति के पुरुष अपने शरीर को लाल, काले और सफेद रंग से रंगते हैं, खोपड़ी की टोपी पहनते हैं और हाथों में पारंपरिक भाले लेकर चलते हैं। वे खुद को महान योद्धा और शिकारी मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि उनके लिए दुश्मनों को मारकर उनकी खोपड़ी को ट्रॉफी की तरह रखना शौर्य का प्रतीक है। अगर कोई अपने मृत रिश्तेदार का बदला नहीं लेता, तो उसे कायर समझा जाता है और उसके पूर्वजों की आत्माएं अशांत हो जाती हैं।

अमेरिकी गवर्नर के बेटे की मौत

असमत जनजाति को सबसे ज्यादा उस वक्त चर्चा मिली जब 1961 में न्यूयॉर्क के तत्कालीन गवर्नर नेल्सन रॉकफेलर के बेटे माइकल रॉकफेलर इस क्षेत्र में गायब हो गए। कहा जाता है कि माइकल को असमत जनजाति के लोगों ने मार डाला और उनका मांस खा लिया। हालांकि इस घटना की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन यह घटना असमत जनजाति की भयावहता को साबित करने के लिए काफी थी। असमत क्षेत्र में जाना आज भी बहुत खतरनाक माना जाता है और स्थानीय प्रशासन लोगों को इस इलाके से दूर रहने की सलाह देता है।

ना पाकिस्तान, ना बांग्लादेश, भारत के इस पड़ोसी देश में मंदिर नहीं बनवा सकते हिंदू, अगर किया पूजा पाठ तो…मिलेगी ये खौफनाक सजा