India News (इंडिया न्यूज), Stone Pet: एक ट्रेंड इन दिनों बाजार में चल रहा है। जहां लोग कुत्ते या बिल्ली की जगह पालतू जानवर के तौर पर पत्थर रख रहे हैं। यह बात आपको थोड़ी अजीब लग सकती है, लेकिन यह पूरी तरह सच है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह शौक 50 साल पुराना है, लेकिन चर्चा में अब है। यह कहानी तब शुरू हुई जब गैरी डाहल नाम के एक शख्स ने अपने दोस्तों को अपने पालतू जानवरों के बारे में शिकायत करते सुना और उसी समय उसके दिमाग में पालतू पत्थर का आइडिया आया।

जिसके बाद उसने अपने दोस्तों से कहा कि आप लोगों को ऐसे पालतू जानवर रखने चाहिए जो पत्थर जैसे हों और सिर्फ सजावटी हों, तो क्यों न लोग अपने घरों में पालतू जानवरों की जगह पालतू पत्थर रखें। इसका फायदा यह है कि इन्हें नहलाने, खिलाने और घुमाने ले जाने की जरूरत नहीं होती और यह कम पैसों में आपका मनोरंजन करने के लिए काफी है।

क्यों शुरू हुआ इस पत्थर का क्रेज?

कुछ ऐसा ही कहते हुए गैरी डाहल ने 1970 में पेट रॉक बेचना शुरू किया। पेट रॉक का क्रेज सनक में बदल गया। जिससे गैरी ने इससे खूब पैसे कमाए। आपको बता दें कि पेट रॉक एक चिकना पत्थर होता है। जब यह पहली बार बिक्री के लिए बाजार में आया था, तो इसके अंदर पुआल का बिस्तर लगा हुआ था और इसे इस तरह से तैयार किया गया था कि यह पालतू जानवर जैसा लगे! इसके साथ ही प्राकृतिक रूप से सांस लेने के लिए हवा के छेद भी बनाए गए थे।

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बताई गईं अजीबो गरीब खासियतें

बोर्ड के साथ यह भी बताया गया था कि यह आने वाले कई सालों तक आपका समर्पित दोस्त और साथी रहेगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मरेगा नहीं, बीमार नहीं पड़ेगा और इसका जीवनकाल बहुत लंबा है, इसलिए आप दोनों को कभी अलग नहीं होना पड़ेगा। इस पैकेजिंग के साथ एक किताब भी दी गई थी, जिसमें बताया गया था कि आप इसका ख्याल कैसे रखेंगे। इन सबके चलते दिसंबर 1975 के क्रिसमस सीजन में पेट रॉक की बिक्री में भारी इजाफा हुआ। इसके बाद इसकी लोकप्रियता खत्म हो गई। 2022 में खिलौना कंपनी सुपर इंपल्स ने इसके अधिकार खरीदकर इसे फिर से पुनर्जीवित कर दिया और अब इसकी मांग बहुत बढ़ गई है और लोग इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।

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