India News (इंडिया न्यूज), Trending News: इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि उनके जीवन के कितने साल बचे हैं। इसके लिए वे ज्योतिषियों के पास जाने को भी तैयार रहते हैं। एक तरफ विज्ञान लोगों की आयु बढ़ाने के तरीकों पर गहन शोध कर रहा है। ऐसे शोध भी किए जा रहे हैं जिससे व्यक्ति की आयु तो बढ़ जाएगी, लेकिन वह कभी बूढ़ा नहीं होगा। लेकिन क्या विज्ञान में ऐसा कोई तरीका है जिससे यह पता चल सके कि किसी व्यक्ति की आयु कितनी बची है या वह कितने साल और जीएगा? एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने केवल लार के जरिए व्यक्ति की सही जैविक आयु का पता लगाने वाला एक परीक्षण ईजाद किया है।
बची हुई जिंदगी का अनुमान?
शोध में दावा किया गया है कि इन तरीकों से व्यक्ति के जीवन में बचे हुए वर्षों का सही अनुमान लगाया जा सकता है। आमतौर पर उम्र का अनुमान पृथ्वी द्वारा सूर्य का एक चक्कर लगाने में लगने वाले समय को एक वर्ष मानकर लगाया जाता है। लेकिन इससे हमारे शरीर की कोशिकाओं की स्थिति और उनके स्वास्थ्य का अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
कैसे लगाया जाता है उम्र का अनुमान?
अब कंपनियां व्यक्ति की जैविक आयु का पता लगाने के तरीके खोज रही हैं। इन टेस्ट के बारे में कहा जा रहा है कि ये बता सकते हैं कि किसी व्यक्ति के पास कितना समय बचा है। लेकिन ये कैसे होगा? इसका जवाब भी वैज्ञानिकों ने दे दिया है. स्टडी में इस्तेमाल किए गए एक टेस्ट में मरीज की कोशिकाओं के टेलोमेरेस की गिनती की जाती है।
टेलोमेरेस क्या होते हैं?
टेलोमेरेस डीएनए के सिरे होते हैं. जब कोशिका विभाजित होती है और उसकी संख्या बढ़ती है तो ये गिर जाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, टेलोमेरेस की लंबाई घटती जाती है। इसे बढ़ती उम्र के संकेत के तौर पर देखा जाता है।
एक टेस्ट की कीमत क्या है?
एलिसियम हेल्थ नाम की कंपनी ने इस तरह के बायोलॉजिकल टेस्ट की कीमत करीब 44 हजार रुपये रखी है. इस टेस्ट में ग्राहक के डीएनए में एक लाख से ज्यादा “मिथाइलेशन पैटर्न” की जांच की जाती है. टेस्ट के नतीजे को व्यक्ति की एपिजेनेटिक क्लॉक माना जाता है। यानी डीएनए के बायोकेमिकल विश्लेषण के आधार पर उसकी उम्र मानी जाती है।
इस तरह के टेस्ट को पसंद करने वाले कई लोग हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के परीक्षण उम्र बढ़ने को रोकने का काम तो नहीं करते, लेकिन इनके नतीजे व्यक्ति का नजरिया जरूर बदल सकते हैं और वह अपने भविष्य की बेहतर योजना बना सकता है।
पाकिस्तान के सामने भारत अपनाएगा पुराना टोना-टोटका? टीम मे हो सकते हैं 2 बड़े बदलाव