India News (इंडिया न्यूज),  Unique Traditions Of Madhya Pradesh: दुनियाभर में कई ऐसी प्रथाएं और किस्से हैं जिनके बारे में सुनकर किसी को भी एक शॉक लग सकता है। इसी तरह की कुछ प्रथाएं मध्य प्रदेश में भी प्रचलित हैं। वहां की अनोखी परंपराएं विविधताओं का एक खजाना है। इस खूबसूरत राज्य में कहीं खूबसूरत वादियां मन को गुदगुदाती हैं तो कहीं ऐतिहासिक धरोहरों और राजा-रानी के प्रेम की कहानियां और किस्से सुनाती ऐतिहासिक इमारतें नजर आती हैं। इस मध्य प्रदेश की धरती पर प्रकृति के करीब रहने वाली कई जनजातियां हैं। आदिवासियों की अपनी परंपराएं और मान्यताएं हैं। जो दूसरों से थोड़ी अलग हैं। ऐसी ही एक परंपरा गोंड जनजाति में भी है, जो बिल्कुल मुसलमानों जैसी है। यहां भी मामा-मामी की बेटी से ही शादी होती है।

मुस्लिमों की ये प्रथा है प्रचलित

इस खास परंपरा में किसी जनजाति में मामा/मामी की बेटी से शादी करना श्रेष्ठ माना जाता है। यह गोंड जनजाति की प्रचलित परंपरा है। गोंड जनजाति में भाई के बेटे और बहन की बेटी या भाई की बेटी और बहन के बेटे के बीच शादी की प्रथा है, जिसे ये लोग ‘दूध लौटावा’ कहते हैं। दूध लौटावा विवाह गोंड जनजाति में लड़की का विवाह उसके मामा या मामा के रिश्तेदार से कराने की प्रथा है। यह विवाह मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में होता है। यह आदिवासी विवाहों में प्रचलित रीति-रिवाजों में से एक है।

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गोंड जनजाति में विधवा और बहुविवाह भी प्रचलित

दूध लौटावा विवाह जनजातियों में प्रचलित पसंदीदा विवाहों में से एक है। इसमें व्यक्ति अपने प्रेम और स्नेह की भावनाओं के आधार पर अपना जीवन साथी चुनता है। गोंड जनजाति में विधवा और बहुविवाह भी बहुत प्रचलित है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में विभिन्न आदिवासी समुदायों में कई तरह की परंपराएँ हैं। घोटुल, डोल जात्रा, धरना-कजली, लमसेना विवाह जैसी परंपराएँ प्रचलित हैं।

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