खेल प्रतियोगिता के लिए अभ्यास करते समय अचानक हुआ बेहोश
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि अलीगढ़ में पिछले 25 दिनों में ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। तीन अन्य लोगों की मौत भी इसी प्रकार से हुई है। इनमें 20 वर्षीय ममता, 8 वर्षीय बच्ची और एक डॉक्टर शामिल हैं। सितंबर में लखनऊ में भी एक 9 वर्षीय छात्रा की स्कूल खेल के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। ये घटनाएं यह दर्शाती हैं कि हृदयाघात (हार्ट अटैक) का खतरा अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बच्चे और युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
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क्या है मुख्य कारण?
विशेषज्ञों के अनुसार, युवा पीढ़ी में बढ़ते हृदयाघात का मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, असंतुलित आहार, शारीरिक निष्क्रियता, और मानसिक तनाव हो सकता है। इसके अतिरिक्त, अत्यधिक जंक फूड का सेवन और कम नींद भी हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
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पिछले 25 दिनों में 3 लोगों की हार्ट अटैक से मौत
आजकल बच्चों और युवाओं का जीवन पहले से अधिक तनावपूर्ण हो गया है। शिक्षा, प्रतियोगिताएं और सामाजिक दबाव के चलते मानसिक तनाव बढ़ रहा है। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधियों में कमी और घंटों मोबाइल या कंप्यूटर पर समय बिताना हृदय स्वास्थ्य को कमजोर कर रहा है।
उत्तर प्रदेश में दिल का दौरा पड़ने से बच्चों और युवाओं की मौतें एक गंभीर समस्या बन गई हैं। यह केवल एक चिकित्सा समस्या नहीं है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता की भी मांग करती है। यदि समय रहते सही कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में यह स्थिति और भी भयावह हो सकती है। आवश्यकता है कि हम अपने जीवनशैली और स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग हों और इस बढ़ते खतरे को मिलकर टालने की कोशिश करें।
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