India News (इंडिया न्यूज), Worlds Smallest Country Vatican City: हमारी विशाल धरती पर कई ऐसी जगहें हैं, जो आम जगहों और देशों से अलग हैं। कुछ लोग इन्हें शापित मानते हैं, तो कहीं कोई पुराना रहस्य छिपा है। ऐसे में चलिए आज हम आपको धरती के उस छोटे से देश के बारे में बताते हैं, जो इस समय अचानक सुर्खियों में आ गया है। ईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन के बाद वेटिकन सिटी का नाम पूरी दुनिया में सुर्खियों में है। पोप फ्रांसिस इटली की राजधानी रोम के बीचों-बीच स्थित एक स्वतंत्र देश वेटिकन सिटी में रहते थे। आइए आपको बताते हैं कि राजधानी रोम के बीचों-बीच स्थित दुनिया का सबसे छोटा देश कैसे बना। इस देश का नाम तो आपने सुना होगा, लेकिन इससे जुड़े रोचक तथ्य शायद आप नहीं जानते होंगे।
वेटिकन सिटी कैसे बना एक अलग छोटा सा देश?
यूरोप का वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश माना जाता है। यह इटली से 2 मील की सीमा से घिरा हुआ है, जिसका कुल क्षेत्रफल सिर्फ 44 हेक्टेयर है। 1871 तक इटली कई राज्यों में बंटा हुआ था। इसके एक बड़े हिस्से पर पोप का शासन था। ऐसे में जब इटली एकीकृत देश बन गया तो पोप की शक्तियां भी कम हो गईं। पोप की शक्ति वेटिकन सिटी तक ही सीमित रह गई। इसके बाद 11 फरवरी 1929 को वेटिकन सिटी के पोप पायस XI और तानाशाह मुसोलिनी के बीच एक संधि हुई। इसमें तय हुआ कि पोप इटली के किसी भी राजनीतिक फैसले में शामिल नहीं होंगे, बदले में वेटिकन सिटी को एक राष्ट्र का दर्जा मिलेगा। इसके चलते वेटिकन सिटी एक स्वतंत्र देश बन गया।
इतने साल से नहीं हुआ कोई बच्चा पैदा
वेटिकन सिटी में कोई अस्पताल नहीं है। अस्पताल न खोलने का फैसला इसके छोटे आकार और आसपास के इलाके में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाओं के नजदीक होने के कारण लिया गया था। यहां कोई डिलीवरी रूम नहीं है और न ही यहां प्राकृतिक प्रसव की अनुमति है। जब कोई महिला यहां गर्भवती होती है और प्रसव से पहले उसे नियमानुसार बच्चे को जन्म देने तक यहां से चले जाना पड़ता है। वेटिकन सिटी की कुल आबादी करीब 1000 है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस देश की अपनी सेना है, जिसमें कुल 110 सैनिक हैं। यह दुनिया का एकमात्र देश है जो रात में पूरी तरह बंद रहता है।