India News (इंडिया न्यूज), What Is Iddat: इस्लाम धर्म में कई ऐसे रीति रिवाज हैं जिसे आज के समय में काफी बुरा माना जाता है, वहीँ अधिकतर लोगों का ऐसा कहना है कि इस्लाम धर्म में महिलाओं पर काफी पाबंदियां लगाई जाती हैं। इस्लाम धर्म में महिलाओं के लिए कई तरह के प्रतिबंध हैं जैसे बुर्का ओढ़ना, किसी गैर मर्द से बात न करना, तीन तलाक आदि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इद्दत का मतलब क्या है। या इस्लाम धर्म में महिलाओं को ये नियम क्यों और कब अपनाना पड़ता है। आइए जान लेते हैं कि इसका मतलब क्या है और महिलाएं इसको क्यों अपनाती हैं।
- इद्दत का मतलब क्या है?
- इद्दत क्यों करती हैं मुस्लिम महिलाएं?
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इद्दत का मतलब क्या है?
इस्लाम धर्म के मुताबिक इद्दत वो अवधि होती है जिसका पालन एक महिला को अपने पति के मरने के बाद या फिर तलाक के बाद करना होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, वैसे तो इद्दत का समय परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग होता है, लेकिन आमतौर पर तलाक के मामले में इसकी अवधि तीन महीने और पति की मृत्यु के बाद चार महीने और दस दिन होती है। आइए जानते हैं कि मुस्लिम महिलाएं इस अवधि के दौरान दूसरा निकाह क्यों नहीं कर सकती हैं।
इद्दत क्यों करती हैं मुस्लिम महिलाएं?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, इद्दत का असल मकसद यह सुनिश्चित करना है कि महिला गर्भवती तो नहीं है। वहीँ इन 3 या 4 महीनों में इस बात का अंदाजा लगा लिया जाता है कि महिला गर्भवती तो नहीं है। इस दौरान महिला को किसी भी गैर मर्द से मिलने या उससे बात करने की इजाजत नहीं होती है। वहीँ अगर कोई महिला इद्दत की अवधि पूरी किए बिना विवाह कर लेती है और बाद में गर्भावस्था का पता चलता है, तो बच्चे की वैधता संदिग्ध होती है।