India News (इंडिया न्यूज), What Is Waqf Alal Aulad: वक्फ संशोधन विधेयक अब कानून बन चुका है, इसके बारे में इतनी चर्चा हुई है कि यह शब्द लोगों की जुबान पर रट चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा, इस्लाम में दान की प्रक्रिया में एक और महत्वपूर्ण शब्द है, जिसे वक्फ-अलल-औलाद कहते हैं। सदियों से वक्फ-अलल-औलाद धन-संपत्ति को सुरक्षित रखने और धार्मिक कार्यों को सहयोग देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। वक्फ-अलल-औलाद का मतलब है ‘परिवार के लिए वक्फ’।
यह भी एक प्रकार का वक्फ है, जिसमें मुस्लिम व्यक्ति अपनी संपत्ति अपने परिवार के सदस्यों, बच्चों और नाती-नातिन के लाभ के लिए दान करता है। इसका उद्देश्य परिवार की वित्तीय सुरक्षा और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना है। उदाहरण के लिए, अगर कोई कृषि भूमि है, तो परिवार उससे कमाई करता रहता है, या उन्हें किराया मिलता रहता है।
इसका दुरुपयोग करते थे लोग
इसके अलावा, दानकर्ता वक्फ डीड में आय का एक हिस्सा धार्मिक उद्देश्यों के लिए आवंटित करने का प्रावधान भी शामिल कर सकता है। यह हनफी इस्लामी कानून से आता है और भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत मान्य है। वक्फ अलल औलाद का लोगों द्वारा कई बार दुरुपयोग किया गया है। ये लोग अपने परिवार की महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित करके सारी संपत्ति वक्फ को दान कर देते थे और महिलाओं के पास कुछ भी नहीं बचता था।
वक्फ-अलल-औलाद में संशोधन क्यों किया गया?
नए वक्फ विधेयक में वक्फ-अलल-औलाद को लेकर कुछ प्रावधान किए गए हैं, ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके और महिलाओं और कमजोर वर्गों को आर्थिक रूप से सुरक्षित किया जा सके। नए बिल के मुताबिक, किसी भी संपत्ति को वक्फ-अलल-औलाद बनाने से पहले उसमें महिलाओं जैसे पत्नी, विधवा, बेटियों या अनाथों को उनका हिस्सा देना जरूरी होगा। इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि अगर किसी व्यक्ति के पास 10 लाख की संपत्ति है और वह उसे वक्फ-अलल-औलाद में देना चाहता है तो उसे पहले अपनी बेटी को 2 लाख देना अनिवार्य होगा। इसके बाद 8 लाख का वक्फ बनेगा।