India News (इंडिया न्यूज), MQ 9 Reaper: भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष में ड्रोन ने अहम भूमिका निभाई थी। ड्रोन की मदद से भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम के साथ-साथ कई एयरबेस और दूसरे ठिकानों को तबाह कर दिया था। आधुनिक युद्धों में ड्रोन की भूमिका काफी बढ़ गई है। इसके पीछे पहली वजह यह है कि इसकी कीमत कम होती है, दूसरी वजह यह कि इसे चलाने के लिए पायलट की जरूरत नहीं होती और यह अपने आप ही टारगेट को ढूंढकर मार गिराने की क्षमता रखता है। आइए आपको बताते हैं कि दुनिया का सबसे महंगा और ताकतवर ड्रोन किस देश के पास है।
ये है सबसे महंगा ड्रोन
रक्षा मामलों में अमेरिका और रूस के हथियार काफी अव्वल साबित होते हैं। अमेरिका के पास MQ-9 रीपर नाम का ड्रोन है, जिसे जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम नाम की अमेरिकी कंपनी बनाती है। यह बेहद खतरनाक और एडवांस तकनीक से लैस ड्रोन है, जिसका इस्तेमाल दुश्मन पर नजर रखने, जासूसी करने और हमला करने के लिए किया जाता है। MQ-9 रीपर काफी देर तक ऊंची उड़ान भर सकता है और बिना कोई आवाज किए सटीकता के साथ दुश्मन को तबाह कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी रेंज करीब 1900 किलोमीटर है और यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है।
MQ-9 रीपर को कैसे कंट्रोल किया जाता है?
MQ-9 रीपर को वीडियो गेम की तरह किसी भी जगह से आराम से कंट्रोल किया जा सकता है। इसे कंट्रोल करने के लिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर की जरूरत होती है। इस ड्रोन ने पहली बार साल 2001 में उड़ान भरी थी। इसकी सटीकता और विध्वंसक क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान, इराक, सीरिया जैसे युद्ध क्षेत्रों में इसका खूब इस्तेमाल किया है। इससे हेलफायर मिसाइल, लेजर गाइडेड बम गिराए जा सकते हैं। गौरतलब है कि भारत ने भी अमेरिका के साथ MQ-9 रीपर ड्रोन खरीदने का समझौता किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे लेकर दोनों देशों के बीच करीब 34,500 करोड़ रुपये की डील हुई है।