India News (इंडिया न्यूज), Kinnar Last Rites : देश में किन्नरों को लेकर कई सारी भ्रांतियां हैं। कुछ सही हैं और कुछ गलत। उन्हीं में से एक ये भी है कि किन्नरों की मौत के बाद किन्नर समाज के लोग उस शव को जूतों और चप्पलों से पीटते हैं। कुछ लोग इसको सही बताते हैं तो कुछ लोग इसको झूठ समझते हैं। आज हम आपको इसके पीछे क्या कारण होता है और क्यों मरने के बाद उनके साथ ऐसा सलूक किया जाता है। वैसे तो उनके अंतिम संस्कार में कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं शामिल होता है। आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे।
क्यों मारे जाते हैं जूते-चप्पल?
जानकारों के मुताबिक किन्नर की मौत होने के बाद किन्नर समाज के लोग उस शव को चप्पलों से पीटते हैं. क्योंकि किन्नर समुदाय के लोग अपने जीवन को अभिशप्त मानते हैं। यही कारण है कि शव यात्रा से पहले मृतक को जूते-चप्पलों से पीटकर गालियां दी जाती हैं। इसकी वजह ये भी है कि अगर मृत किन्नर ने कोई अपराध किया हो तो जाते-जाते उसका प्रायश्चित हो जाए और अगला जन्म आम इंसान का मिले। यहीं नहीं जानकारी के मुताबिक किन्नर समुदाय में एक भी किन्नर की मौत के बाद पूरा का पूरा वयस्क किन्नर समुदाय पूरे एक सप्ताह तक व्रत करता है और मृतक के लिए दुआएं मांगता है।
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रात में निकलती है किन्नर शवयात्रा
जानकारी के लिए बता दें कि किन्नर की शवयात्रा रात में निकलती है और इसमें कोई बाहरी व्यक्ति शामिल नहीं हो सकता है। ऐसी मान्यता है कि आम लोग अगर मृत किन्नर का शरीर देखते हैं, तो मृतक को दोबारा किन्नर का ही जन्म मिलता है, इसलिए किन्नर की शवयात्रा रात में निकलती है। किन्नरों की शवयात्रा बिल्कुल अलग होती है। किन्नर मृतक के शव को खड़ा करके अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते हैं। वहीं किन्नरों के बीमारी या मौत की खबर बाहर किसी व्यक्ति को नहीं दी जाती है।
इसके अलावा किन्नरों के पास आध्यात्मिक शक्ति होती है, जिससे उन्हें मौत का आभास हो जाता है। इसलिए मौत से पहले किन्नर कहीं आना-जाना और यहां तक कि खाना भी बंद कर देते हैं। इस दौरान वे सिर्फ पानी पीते हैं और ईश्वर से अपने और दूसरे किन्नरों के लिए दुआ करते हैं।
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