India News (इंडिया न्यूज़),Uttar Pradesh News: UP पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा घाटा दिखाते हुए प्रदेश की बिजली कंपनियों को चलाने के लिए पीपीपी मॉडल पर निजी क्षेत्र को हिस्सेदारी देने की बात हो रही है। जिसके खिलाफ विभाग में इसका विरोध शुरू हुआ है। इसको लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संगठन समिति ने बैठक कर ऐलान किया है कि वह निजीकरण के निर्णय के खिलाफ बड़े स्तर पर जन संपर्क अभियान और जन पंचायती करेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसमें पहली जन पंचायत 4 दिसंबर को वाराणसी में होगी।
17189 कर्मचारी काम कर रहे हैं
आपको बता दें कि सरकार द्वारा बिजली कंपनियों की आर्थिक सहायता करने में असमर्थता जताने के बाद निजीकरण की कवायद हो रही है। पहले चरण में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को PPP मॉडल पर निजी क्षेत्र को देना है। इसे लेकर यूपी राज्य विद्युत निगम परिषद अभियंता संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी में अभियंताओं ने निजीकरण को किसी भी स्वरूप में स्वीकार नहीं करने को कहा है और इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़े जाने का संकल्प भी लिया है। इन दोनों विद्युत वितरण निगम में 27600 कर्मचारी कार्य करते हैं जिनको अपने ऊपर छंटनी की तलवार लटकना की उम्मीद लग रही है। इसमें आगरा डिस्कॉम में 10411 और वाराणसी डिस्कॉम में 17189 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।